- गुजरात के गिर वन में 12 सितंबर के पश्चात 23 एशियाई शेरों की मौत हो गई है जो कि केवल यहीं पाया जाता है।
- एशियाई शेर, जिसे गुजरात की शान/गौरव भी कहा जाता है, को बचाने के लिए राज्य सरकार ने लंदन से विशेषज्ञों को बुलाया है तथा यूएसए से टीका भी मंगवाया है।
- एशियाई शेर सौराष्ट्र क्षेत्र के कम से कम आठ जिलों में विस्तृत हैं।
- राज्य सरकार के मुताबिक लगभग 500 शेरों का परीक्षण किया गया है।
- एशियाई शेरों की मौत की वजह केनाइन डिस्टेम्पर वायरस (सीडीवी-Canine Distemper Virus: CDV) तथा बेबेसियोसिस (Babesiosis ) है। 4 शेरों की मौत सीडीवी से तथा 17 की मौत बेबेसियोसिस से हुई है। दो की मौत की वजह का पता अभी नहीं लग पाया है।
- विशेषज्ञों के मुताबिक वर्ष 2011 में बंगलुरू स्थित सेंटर फॉर एनिमल डिजीज रिसर्च एवं डायग्नोसिस (सीएडीआरएडी-Centre for Animal Disease Research and Diagnosis: CADRAD) तथा इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट उत्तराखंड ने राज्य सरकार को आगाह किया था कि गिर वन के शेरों में अत्यधिक संक्रामक पेस्टे डेस पेटिट्स रूमिनैंट्स वायरस (Peste Des Petits Ruminants Virus: PPRV) पाया गया है जिससे 80 से 100 प्रतिशत मृत्यु की संभावना होती है। इसके बाद ही वर्ष 2014 में गुजरात से उत्तर प्रदेश के लायन सफारी पार्क में लाए गए चार शेरों की मौत 2016 में हो गई।