भारत में कुल 22 प्रजातियां विलुप्त

  • 19 जुलाई, 2019 को लोकसभा में केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री ने बताया कि विगत कुछ शताब्दियों में भारत में 22 प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं। इनमें चार जंतु प्रजातियां एवं 18 पौधाा प्रजातियां शामिल हैं।
  • जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ZSI) से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पिंक हेडेड डक (रोडोनेसा कैरोफाइलसी), 1950 से विलुप्त होने की आशंका है; हिमालयन क्वेल (Ophrysia supercililios) को अंतिम बार 1876 में रिपोर्ट किया गया था और इसके विलुप्त होने की आशंका है; और स्तनधारियों में चीता (एसियोनिक्स जुबेटस) 1940 के बाद से विलुप्त हो गया है और सुमात्रन गैंडा (डाइसोरिनहिनस सैंट्रेन्सिस) भारत से विलुप्त माना जाता है।
  • बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया (बीएसआई) द्वारा सूचित किए जाने के बाद, पौधों की 18 प्रजातियों को निम्न रूप से विलुप्त माना जाता है क्योंकि उन्हें पिछले पचास वर्षों से अधिक समय से जंगलों से एकत्र नहीं किया गया है:
    1. इसाइट्स दिक्सिटी
    2. इसोटेस सम्पतकुमार्नी
    3. सेलाजिनेला कैटरैटरूम
    4. लेस्टरोप्सिस वटी
    5. ओफियोरिज़ा ब्रूनोनिस
    6. ओफियोरिज़ा कैजुडेट
    7. ओफियोरिज़ा रेडिकन्स
    8. वेनलैंडिया एंगुस्टिफोलिया
    9. स्टेरिकुलिया खसियाना
    10. केरेक्स रेपांडा
    11. एराग्रोस्टिस रॉटलेरी
    12. एरिओक्राइसिस रंगाचारी
    13. दिपकादि समास
    14. दिपकड़ी रिदि
    15. मूत्रजननी पॉलीफाइला
    16. सोरफा तालियारा
    17. हेडिडियम मैरीनायटम
    18. इनुला कालापानी
  • प्रतिस्पर्धा, शिकार , प्राकृतिक चयन, और मानव शिकार पर्यावास गिरावट, आदि कुछ महत्वपूर्ण कारक हैं जो पौधों और जानवरों को जंगलों से विलुप्त करने का कारण बनते हैं।

Written by 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *