मरुस्थलीकरण नियंत्रण पर यूएन कंवेंशन का दिल्ली घोषणापत्र

  • मरुस्थलीकरण नियंत्रण पर यूएन कंवेंशन ( UN Convention to Combat Desertification: UNCCD) के पक्षकारों के 14वें सम्मेलन की समाप्ति पर 13 सितंबर, 2019 को ‘दिल्ली घोषणापत्र’ जारी किया गया।
  • यह सम्मेलन 2 से 13 सितंबर, 2019 को ग्रेटर नोएडा में आयोजित हुआ।

दिल्ली घोषणापत्र की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैंः

  • पेरिस समझौता के दीर्घकालिक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए जलवायु कार्रवाई तथा जैव विविधता के लिए भूमि आधारित समाधान पर विश्व को विचार करना चाहिए।
  • कंवेंशन के क्रियान्वन के लिए विकास पक्षकारों, वित्तीय संस्थानों, निजी सेक्टर को आगे आना चाहिए।
  • मरुस्थलीकरण/भू-क्षरण एवं सूखा विश्व के सभी हिस्सों में स्वास्थ्य, विकास एवं समृद्धि को प्रभावित करता है इसलि ड्राइलैंड को इकोसिस्टम का विशेष क्षेत्र स्वीकार किया जाना चाहिए।
  • भूमि तटस्थता के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रतिबद्धता
  • समुदाय संचालित परिवर्तनकारी परियोजनाओं एवं कार्यक्रमों को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।
  • सूखा तैयारी योजनाओं के क्रियान्वयन के द्वारा सूखा, मरुस्थलीकरण के खतरों एवं प्रभावों को कम करने के लिए सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए।

मरुस्‍थलीकरण से निपटने के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र कन्वेंशन (UNCCD)

  • कन्वेंशन ( UN Convention to Combat Desertification: UNCCD) 17 जून, 1994 को अंगीकार किया गया तथा 26 दिसंबर, 1996 को प्रभावी हुआ।
  • यह जलवायु परिवर्तन पर संयुक्‍त राष्‍ट्र फ्रेमवर्क सम्‍मेलन (यूएनएफसीसीसी) और जैविकीय विविधता पर सम्‍मेलन (सीबीडी) के साथ तीन रियो सम्‍मेलनों में से एक है।
  • भारत ने यूएनसीसीडी पर 14 अक्‍टूबर, 1994 को हस्‍ताक्षर किए थे और 17 दिसंबर, 1996 को इसकी पुष्टि की थी।

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