विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन जैव प्रौद्योगिकी विभाग, सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा वीसीजी की विकसित टीका वीपीएम 1002 (VPM1002) के तीसरे चरण के परीक्षण में सहयोग कर रहा है।
इस परीक्षण का उद्देश्य अधिक आयु के उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों या सह-रुग्णता एवं उच्च जोखिम वाले स्वास्थ्य सेवा कर्मियों (एचसीडब्ल्यू) में संक्रमण के मामले को घटाने और कोविड-19 के गंभीर परिणामों को कम करने में वीपीएम 1002 की क्षमता का मूल्यांकन करना है।
बीसीजी टीका
बीसीजी के टीके को नियमित रूप से सभी नवजात शिशुओं को राष्ट्रीय बचपन प्रतिरक्षण कार्यक्रम के एक अंग के रूप में दिया जाता है, जो तपेदिक (टीबी) की बीमारी को रोकने के लिए होता है। यह बीमारी मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करने वाले बैक्टीरिया के कारण होती है।
बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल (BIRAC)
बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल (Biotechnology Industry Research Assistance Council: BIRAC) जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), भारत सरकार द्वारा स्थापित राष्ट्रीय स्तर पर प्रासंगिक उत्पाद विकास आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुएरणनीतिक अनुसंधान और नवाचार की दिशा में बायोटेक्नोलॉजी एंटरप्राइज को मजबूत और सशक्त बनाने के लिए एक गैर – लाभकारी धारा 8, अनुसूची बी, सार्वजनिक क्षेत्र का एक उद्यम है।
राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन
बायोफार्मास्यूटिकल के जल्द विकास के वास्ते खोज अनुसंधान में तेजी लाने के लिए कुल 250 मिलियन अमेरिकी डालर की लागत वाली मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित एवं विश्व बैंक द्वारा 50% सह-वित्त पोषित जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), भारत सरकार का उद्योग – अकादमिक सहयोगात्मक राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन (National Biopharma Mission) बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल (बीआईआरएसी) में लागू किया जा रहा है।
यह कार्यक्रम भारत की आबादी के स्वास्थ्य मानकों में सुधार करने के उद्देश्य से राष्ट्र को किफायती उत्पाद वितरित करने के लिए समर्पित है।
टीके, चिकित्सा उपकरण और डायग्नोस्टिक्स और बायोथेरेप्यूटिक्स इसके कुछ सबसे महत्वपूर्ण डोमेन हैं। इसके अलावा, इसका उद्देश्य देश में नैदानिक परीक्षण क्षमता एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण क्षमताओं को मजबूत करना है।
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