आरबीआई की पब्लिक क्रेडिट रजिस्ट्री का अमेरिकी विरोध

  • भारतीय रिजर्व बैंक वाई.एम. देवस्थली समिति की सिफारिशों के आधार पर नई पब्लिक क्रेडिट रजिस्ट्री ( public credit registry: PCR)) स्थापित करने की घोषणा की है।
  • इस रजिस्ट्री में लोगों के क्रेडिट इतिहास दर्ज होगा जिससे बैंक इस बात का पता लगा सकेगा किस का क्रेडिट इतिहास खराब है और किसका अच्छा। इसके आधार पर कर्ज के लिए आवेदन करने पर बैंक ब्याज की दर निर्धारित करेगा। अर्थात जिनका क्रेडिट इतिहास अच्छा होगा उन्हें कम ब्याज दर पर आसानी से बैंकों से कर्ज मिल पाएगा। हाल में संयुक्त राज्य अमेरिका ने आरबीआई के इस कदम का विरोध किया है।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका का मानना है कि यह पहले से मौजूद प्राइवेट क्रेडिट ब्यूरो (private credit bureaus : PCBs) के लिए प्रतिस्पर्धी नहीं है और इन कंपनियों के हितों के खिलाफ है।
  • दरअसल संयुक्त राज्य अमेरिका को डर है कि पहले से इस तरह की क्रेडिट मूल्यांकन व स्कोर सुविधा प्रदान करने वाली पीसीबी की पहुंच डेटा व सूचनाओं तक नहीं हो पाएगी।
  • अमेरिका चाहता है कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा स्थापित किए जाने वाला पब्लिक क्रेडिट विनियामकों को डेटा उपलब्ध कराए और ताकि निगरानी की भूमिका निभा सके। हालांकि भारत ने अमेरिका को कहा है कि पीसीआर की स्थापना से पीसीबी को डेटा तक पहुंच में परेशानी नहीं होगी।
  • उल्लेखनीय है कि भारत में चार प्राइवेट क्रेडिट ब्यूरो काम कर रहा है जिनमें ट्रांस यूनियन, सिबिल लिमिटेड तथा इक्विफैक्स क्रेडिट इन्फॉर्मेशन सर्विस अमेरिका के हैं।

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