- भारतीय रिजर्व बैंक ने उधार लेने वाले सभी व्यक्तियों, जिनमें विलफुल डिफॉल्टर्स भी शामिल हैं, की विवरणी जमा करने हेतु पब्लिक क्रेडिट रजिस्ट्री (Public Credit Registry) स्थापित करने की प्रक्रिया आरंभ कर दिया है।
- आरबीआई ने रजिस्ट्री स्थापित करने के लिए कंपनियों से आवेदन मांगे हैं। केवल वैसी ही कंपनियां इसके लिए आवदेन कर सकती है जिनका टर्नओवर विगत तीन वर्षों में 100 करोड़ रुपए हो।
क्या है पब्लिक क्रेडिट रजिस्ट्री
- भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा गठित वाई.एम.देवस्थली कमेटी ने उधार लेने वालों की पब्लिक क्रेडिट रजिस्ट्री तैयार करने की सिफारिश की थी। बाद में भारतीय रिजर्व बैंक के उप-गवर्नर विरल आचार्या ने इसकी स्थापना की जरूरत महसूस की थी।
- पब्लिक क्रेडिट रजिस्ट्री में सेबी, कंपनी मामलों के मंत्रालय, वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क, इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया से प्राप्त डेटा भी शामिल होंगे। इस रजिस्ट्री के माध्यम से बैंकों को उधार लिए लोगों की जानकारी वास्तविक समय पर मिल सकेगी।
- इस रजिस्ट्री में उधार लेने वाले सभी व्यक्तियों एवं कंपनियों की सूची उपलब्ध होगी। इसके माध्यम से बैंक कर्ज चुकाने वालों एवं नहीं चुकाने वालों के बीच अंतर कर सकेगा ताकि भविष्य में लोगों को कर्ज देने में सार्वधानी बरत सके।