- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आंध्रप्रदेश में गुंटूर में विशाखापट्टनम सामरिक पेट्रोलियम भंडार (Strategic Petroleum Reserve: SPR) राष्ट्र को समर्पित किया।
- इस केन्द्र की क्षमता 13 लाख 30 हजार मीट्रिक टन है।
- प्रधानमंत्री ने कृष्णा-गोदावरी नदी घाटी में (कृष्णपट्टनम में ) स्थित तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड की वशिष्ठ और एस-1 विकास परियोजना का उद्घाटन भी किया।
- यह परियोजना आंध्रप्रदेश के साथ-साथ पूरे देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
- मुश्किल परिस्थितियों में देश को अपनी आवश्यकता के लिए गैस, पेट्रोल, डीजल की कमी न हो, इसके लिए केन्द्र सरकार देश की अलग-अलग जगहों पर ऑयल रिजर्व बना रही है। आवश्यकता पड़ने पर करीब महीने भर तक देश की पेट्रोलियम से जुड़ी जरूरतें पूरी हो सके।
- इससे पूर्व केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 27 जून 2018 दो जगहों यानी कर्नाटक के पदुर और ओडिशा के चांदीखोल में 6.5 मीट्रिक टन (एमएमटी) क्षमता के अतिरिक्त सामरिक पेट्रोलियम भंडार (एसपीआर-Strategic Petroleum Reserve) स्थापित करने और इन दोनों एसपीआर के लिए समर्पित एसपीएम (सिंगल पॉइंट मूरिंग) के निर्माण को मंजूरी दी थी।
- चांदीखोल और पदुर के लिए एसपीआर प्रतिष्ठान भूमिगत (अंडरग्राउंड रॉक कैवर्न) होंगे और उनकी क्षमता क्रमश: 4 एमएमटी और 2.5 एमएमटी होगी। सरकार ने वर्ष 2017-18 की बजट घोषणा में दो अतिरिक्त एसपीआर स्थापित करने की घोषणा की थी।
- आईएसपीआरएल तीन जगहों – विशाखापत्तनम (1.33 एमएमटी), मंगलूर (1.5 एमएमटी) और पदुर (2.5 एमएमटी) – 5.33 एमएमटी कच्चे तेल के भंडारण के लिए अंडरग्राउंड रॉक कैवर्न का निर्माण पहले ही कर चुके हैं।
- वित्त वर्ष 2016-17 के लिए खपत आंकड़ों के अनुसार, एसपीआर कार्यक्रम के पहले चरण के तहत कुल 5.33 एमएमटी क्षमता से करीब 10 दिनों के लिए भारत की कुल कच्चे तेल की जरूरतों के लिए आपूर्ति की जा सकती है।
इंडियन स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिज़र्वस लिमिटेड
- ऊर्जा ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, भारत सरकार ने तीन स्थलों नामत: विशाखापट्टनम, मंगलौर और पादुर पर (उडूपी के निकट) 5 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) के सामरिक खनिज तेल भंडार बनाने का निर्णय लिया था।
- ये सामरिक भंडारण तेल कंपनियों के पास खनिज तेल और पेट्रोलियम उत्पादों के विद्यमान भंडारणों के अतिरिक्त होंगे और बाहरी आपूर्ति बाधाओं के प्रतिउत्तर में एक ढाल के रूप में कार्य करेंगे।
- सामरिक खनिज तेल भंडारण सुविधाओं के निर्माण का प्रबंधन एक विशेष प्रयोजन कंपनी इंडियन स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिज़र्वस लिमिटेड (आईएसपीआरएल) द्वारा किया जा रहा है, जो तेल उद्योग विकास बोर्ड (ओआईडीबी) की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी है।
- इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआईएल) को सभी तीन परियोनाओं हेतु परियोजना प्रबंधन परामर्शदाता के रूप में लिया गया है।