- सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने चालू वित्त वर्ष यानी 2018-19 के लिए स्थिर मूल्यों (2011-12) और वर्तमान मूल्यों दोनों पर ही राष्ट्रीय आय के प्रथम अग्रिम अनुमान जारी कर दिए। इन अनुमानों से जुड़ी मुख्य बातों का उल्लेख नीचे किया गया है:
स्थिर मूल्यों (2011-12) पर अनुमान
- वास्तविक जीडीपी अथवा सकल घरेलू उत्पाद: वर्ष 2018-19 में स्थिर (2011-12) मूल्यों पर वास्तविक जीडीपी अथवा सकल घरेलू उत्पाद के बढ़कर 139.52 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया गया है, जबकि 31 मई 2018 को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017-18 में यह 130.11 लाख करोड़ रुपये आंका गया था। वित्त वर्ष 2018-19 में जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है,जबकि वित्त वर्ष 2017-18 में जीडीपी वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत आंकी गई थी।
- बुनियादी मूल्यों पर सकल मूल्य वर्द्धित (जीवीए): वर्ष 2018-19 में बुनियादी स्थिर मूल्यों (2011-12) पर जीवीए अर्थात वास्तविक जीवीए (सकल मूल्य वर्द्धित) के बढ़कर 128.09 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान लगाया गया है, जो वर्ष 2017-18 में 128.09 लाख करोड़ रुपये था। वर्ष 2018-19 में बुनियादी स्थिर मूल्यों (2011-12) पर वास्तविक जीवीए की वृद्धि दर 7.0 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जो वित्त वर्ष 2017-18 में 6.5 प्रतिशत थी।
वर्तमान मूल्यों पर अनुमान
- सकल घरेलू उत्पाद: वर्ष 2018-19 में वर्तमान मूल्यों पर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के बढ़कर 188.41 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान है, जो वर्ष 2017-18 में 167.73 लाख करोड़ रुपये आंकी गई थी। यह 12.3 फीसदी की वृद्धि दर दर्शाती है।
- वर्तमान मूल्यों पर राष्ट्रीय आय: वर्ष 2018-19 में वर्तमान मूल्यों पर राष्ट्रीय आय 167.03 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वर्ष 2017-18 में यह आंकड़ा 148.49 लाख करोड़ रुपये था। वृद्धि दर की दृष्टि से राष्ट्रीय आय में वर्ष 2018-19 में 12.5 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज होने का अनुमान लगाया गया है, जबकि पिछले वर्ष वृद्धि दर 10.1 प्रतिशत आंकी गई थी।
- प्रति व्यक्ति शुद्ध राष्ट्रीय आय: वित्त वर्ष 2018-19 में प्रति व्यक्ति शुद्ध राष्ट्रीय आय के 11.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाकर 1,25,397 रुपये हो जाने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वर्ष 2017-18 में यह 8.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाकर 1,12,835 रुपये के स्तर पर पहुंच गई थी।
- निजी अंतिम उपभोग व्यय: वित्त वर्ष 2018-19 में वर्तमान मूल्यों पर निजी अंतिम उपभोग व्यय 109.99 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्त वर्ष 2017-18 में यह 99.14 लाख करोड़ रुपये आंका गया था। वित्त वर्ष 2018-19 में स्थिर मूल्यों (2011-12) पर निजी अंतिम उपभोग व्यय 77.26 लाख करोड़ रुपये आंका गया है, जबकि वित्त वर्ष 2017-18 में यह आंकड़ा 72.59 लाख करोड़ रुपये रहा था।