- केन्द्रीय मंत्रिमंडल की 31 मई 2019 को बैठक में केन्द्रीय क्षेत्र की एक नई योजना (pension scheme for all Small and Marginal Farmers ) को मंजूरी दी गई है।
- अनुमान है कि प्रारंभिक तीन वर्षों में पांच करोड़ छोटे और सीमांत किसान इससे लाभांवित होंगे। केन्द्र सरकार इस योजना के अंतर्गत परिकल्पित सामाजिक सुरक्षा कवर मुहैया कराने हेतु तीन वर्ष की अवधि के लिए अपने अंशदान के रूप में 10774.50 करोड़ रुपये की राशि खर्च करेगी।
- यह योजना देश भर के छोटे और सीमांत किसानों (एसएमएफ) के लिए स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है।
- इसमें प्रारंभिक आयु 18 से 40 वर्ष है और 60 वर्ष की आयु होने पर 3000 रूपये की न्यूनतम निर्धारित पेंशन देने का प्रावधान है।
- उदाहरण के लिए लाभार्थी किसान को 29 वर्ष की प्रवेश आयु में 100 रुपये प्रतिमाह का अंशदान करना अपेक्षित है। केंद्र सरकार भी पात्र किसान द्वारा किए गए अंशदान के बराबर राशि पेंशन निधि में जमा कराएगी।
- अंशदानकर्ता की पेंशन लेने के दौरान मृत्यु होने के बाद एसएमएफ लाभार्थी की पत्नी/पति परिवार पेंशन के रूप में लाभार्थी द्वारा प्राप्त की जा रही पेंशन की 50 प्रतिशत पेंशन राशि प्राप्त करने के हकदार होंगे। बशर्ते कि वे इस योजना के पहले से ही एसएमएफ लाभार्थी न हों। अगर अंशदानकर्ता की मृत्यु अंशदान अवधि को दौरान हो जाती है तो उसके पत्नी/पति के सामने नियमित अंशदान भुगतान द्वारा योजना को जारी रखने का विकल्प खुला होगा।
- इस योजना की दिलचस्प बात यह है कि किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना से प्राप्त लाभ से सीधे ही इस योजना में अपना मासिक अंशदान करने का विकल्प चुन सकता है। एक अन्य विकल्प यह भी है कि कोई भी किसान ‘मैती’ के तहत कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से पंजीकरण कराकर भी अपने मासिक अंशदान का भुगतान कर सकता है।