- आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने 2019-20 सीजन के लिए कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने की मंजूरी दी है।
- कच्चे जूट की उचित औसत किस्म (एफएक्यू) का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2019-20 सीजन के लिए प्रति क्विंटल बढ़ाकर 3950 रूपये कर दिया गया है जो 2018-19 के सीजन में 3700 रूपये प्रति क्विंटल था।
- एमएसपी से अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत पर 55.81 प्रतिशत का मुनाफा होगा। कच्चे जूट के एमएसपी से किसानों को उचित न्यूनतम मूल्य सुनिश्चित हो सकेगा और जूट की खेती में निवेश करने में तेजी आएगी तथा इससे देश में उत्पादन और उत्पादकता बढ़ेगी।
- नोडल एजेंसी: भारतीय पटसन निगम जूट उत्पादक राज्यों में एमएसपी पर मूल्य समर्थन कार्य शुरू करने के लिए केन्द्रीय नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करना जारी रखेगी।
- बढ़ा हुआ एमएसपी कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों पर आधारित है जिसने एमएसपी की सिफारिश करते समय उत्पादन लागत, कुल मांग और आपूर्ति, घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय मूल्यों, दो फसलों के बीच मूल्यों की समानता, कृषि और गैर कृषि क्षेत्रों के बीच व्यापार की शर्तों और उपयोगकर्ता उद्योगों पर एमएसपी के संभावित प्रभाव तथा न्यूनतम 50% भारित औसत उत्पादन लागत पर मुनाफे को ध्यान में रखा।