वैश्विक प्रतिस्पर्धा सूचकांक 2019-भारत 68वें स्थान पर


विश्व आर्थिक मंच की वैश्विक प्रतिस्पर्धा सूचकांक 2019 में भारत को 68वीं रैंकिंग प्राप्त हुयी है। वर्ष 2018 के मुकाबले भारत की रैंकिंग में 10 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है। विगत वर्ष भारत 58वें स्थान पर था। गिरावट की मुख्य वजह अन्य देशों प्रतिस्पर्धा स्तर का बेहतर होना था। कंबोडिया, दक्षिण अफ्रीका व तुर्की जैसे देशों ने बेहतर प्रदर्शन किया है।

सूचकांक में सर्वोच्च रैंकिंग सिंगापुर को प्राप्त हुयी है। विगत वर्ष यूएसए सर्वोच्च स्थान पर था।
एशियाई देशों में श्रीलंका 84वें स्थान पर, बांग्लादेश 105वें स्थान पर, नेपाल 108वें तथा पाकिस्तान 110वें स्थान पर है।

9 अक्टूबर, 2019 को जेनेवा स्थित विश्व आर्थिक मंच द्वारा जारी सूचकांक के मुताबिक शेयरहोल्डर गवर्नेंस के मामले में भारत दूसरे स्थान पर, कॉर्पोरेट गवर्नेंस के मामले में 15वें स्थान पर, मार्केट आकार के मामले में तीसरे स्थान पर तथा नवीकरणीय ऊर्जा विनियमन के मामले में भी इसी रैंक पर है। इसके विपरीत स्वस्थ जीवन प्रत्याशा के मामले में विश्व के 141 देशों में भारत 109वें स्थान पर, पुरुषों की तुलना में महिला कर्मियों के मामलें में 128वें स्थान पर तथा मेरिटोक्रैसी के मामले में 118वें स्थान पर है।

वैश्विक प्रतिस्पर्धा सूचकांक

वैश्विक प्रतिस्पर्धा सूचकांक जेनेवा स्थित विश्व आर्थिक मंच द्वारा जारी किया जाता है। यह सूचकांक वर्ष 1979 से ही जारी किया जा रहा है। वर्ष 2018 में इस सूचकांक में 4.0 आरंभ किया गया। सूचकांक 4.0 नीति निर्माताओं के लिए कम्पास है जो दीर्घकालिक विकास के लिए जरूरी मार्गदर्शन प्रदान करता है। सूचकांक 4.0 में 12 संकेतकों पर आधारित है जो निम्नलिखित हैं।

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