भारत का चीन को समुद्री उत्‍पादों का निर्यात एक अरब अमरीकी डॉलर को पार करने की संभावना

भारत का चीन को समुद्री उत्‍पादों का निर्यात तिगुना हो गया है और यह 2019 के पहले 9 महीनों में करीब 800 मिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच चुका है। चीन के सीमा शुल्‍क प्राधिकार द्वारा जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।

भारत के समुद्री निर्यात के इस वर्ष के अंत तक एक अरब अमरीकी डॉलर को पार करने की संभावना है। चीन के एक व्‍यापार प्रतिनिधिमंडल ने 9 अक्‍तूबर 2019 को भारत का दौरा किया और अगले दो वर्षों में 500 मिलियन अमरीकी डॉलर मूल्‍य के समुद्री उत्‍पादों के आयात के लिए एक समझौते पर हस्‍ताक्षर किए।

एमपीईडीए ( Marine Products Export Development Authority: MPEDA ) के अध्‍यक्ष ने इस क्षेत्र में भारत की शक्ति की जानकारी दी और बताया कि भारत दुनिया में चौथे सबसे बड़े समुद्री उत्‍पाद निर्यात के रूप में उभर रहा है। भारत दूसरा सबसे बड़ा मत्‍स्‍य पालक है, दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्‍पादक है, जो 7 अरब अमरीकी डॉलर मूल्‍य के समुद्री उत्‍पादों का निर्यात करता है। चीन समुद्री उत्‍पादों का एक बड़ा आयातक है, जो करीब 12 अरब अमरीकी डॉलर का आयात करता है। उन्‍होंने भारत के समुद्री उत्‍पादों की गुणवत्‍ता सुनिश्चित करने के लिए भारत द्वारा किये जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी।

भारतीय दूतावास विभिन्‍न उत्‍पादों जैसे भारतीय अंगूर, चीनी, चावल, औषधियां, चाय, खली, सूचना प्रौद्योगिकी और आईटीईएस को बढ़ावा दे रहा है, जिनमें भारत वैश्विक शक्ति साबित होगा, लेकिन चीन में उसकी बाजार हिस्‍सेदारी कम है।

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