विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत का विकास संबंधी सहयोग शर्तों पर नहीं बल्कि चुनने का अधिकार की स्वतंत्रता पर आधारित है। उन्होंने कहा कि भागीदार देशों के साथ भारत का विकास संबंधी सहयोग समानता, संप्रभुता के प्रति परस्पर सम्मान के साथ-साथ चुनने के अधिकार पर आधारित है न कि प्रतिस्पर्धा और शर्तों के थोपे जाने पर। भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग ( Indian Technical and Economic Cooperation: ITEC ) के 55 वर्ष पूरे होने पर 7 अक्टूबर 2019 को नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि दक्षिण के देश भारत के लिए महत्वपूर्ण साझेदार हैं।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के 6 अरब 30 करोड लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि भारतीय लोगों के पूर्वजों ने औपनिवेशिक दासता के खिलाफ मिलकर संघर्ष किया है।
इस अवसर पर डॉक्टर जयशंकर ने अफ्रीका के लिए ई-विद्या भारती, ई-आरोग्य भारती – टेली-शिक्षा तथा टेली-मेडिसिन परियोजना की शुरूआत की जो उनके मंत्रालय द्वारा चलायी जा रही सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक है।
भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक भागीदारी कार्यक्रम’ (आईटीईसी) के बारे में
- भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक भागीदारी कार्यक्रम ( Indian Technical and Economic Cooperation: ITEC ) विदेश मंत्रालय के अधीन कार्यक्रम है जिसे केंद्रीय कैबिनेट निर्णय के तहत 15 सितंबर, 1964 को शुरु किया गया था।
- इसे भारत सरकार के द्विपक्षीय सहायता कार्यक्रम के रूप में आरंभ किया गया था परंतु हाल के वर्षों में इसके संसाधनों का उपयोग क्षेत्रीय एवं अंतर-क्षेत्रीय संदर्भ में भी किया जा रहा है।
- इस कार्यक्रम के तहत विश्व के 161 देशों के कर्मचारिर्यों को भारत के आर्थिक विकास की गाथा को प्रशिक्षण व क्षमता निर्माण के माध्यम से साझा किया जाता है।