- भारतीय बाजार में विदेशी प्रवाह को प्रोत्साहित करने के लिए विनियमन को सुव्यवस्थित करने हेतु भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा गठित एच.आर.खान कमेटी की रिपोर्ट 24 मई, 2019 को जारी की गई।
- रिपोर्ट में निवेशकों के लिए प्रक्रिया आसान करने तथा पंजीकरण प्रक्यिा को सहज बनाने की सिफारिश की गई है।
- श्रेणी-2 के विदेशी संस्थागत निवेशकों के लिए ऑन बोर्डिंग प्रक्यिा को त्वरित करना, पेंशन फंड को श्रेणी-1 विदेशी संस्थागत प्रक्यिा में शामिल करना, मल्टीपल इन्वेस्टमेंट मैनेजर (एमआईएम) संरचना के लिए सहज पंजीकरण की भी सिफारिश की गई है।
- विदेशी संस्थागत निवेशक (FPI) की श्रेणी-3 के लिए सामान्यीकृत केवाईसी दस्तावेज की भी सिफारिश की गई है।
- निवेश की सीमा को उदारीकृत करना, विदेशी संस्थागत निवेश से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में निवेश का पुनवर्गीकरण भी सिफारिशों में शामिल हैं।
पृष्ठभूमि
- भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) ने विदेशी संस्थागत निवेशकों के लिए भारत में निवेश आकर्षित करने व इसके लिए नियमों को सामान्य बनाने हेतु ‘सेबी (विदेशी संस्थागत निवेशक) विनियमन, 2014 (SEBI (Foreign Portfolio Investors) Regulations, 2014 ) भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व उप-गवर्नर एच-आर-खान की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था।