- केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने 29 अक्टूबर 2018 को सूरत में गुजरात के पहले मेगा फूड पार्क का उद्घाटन किया। सूरत जिले के मंगलौर तालुका के तहत शाह और वसरावी गांव में स्थित यह पार्क मेसर्स गुजरात एग्रो इन्फ्रास्ट्रक्चर मेगा फूड पार्क प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है।
- मंत्रालय ने ऐसा ही दूसरा मेगा फूड पार्क मेहसाणा में बनाए जाने को मंजूरी दे दी है।
- इस पार्क के बनने से सूरत के साथ ही नवसारी, तापी, नर्मदा और भरूच के पड़ोसी जिले के लोग भी लाभान्वित होंगे। यह पार्क 70.15 एकड़ भूमि पर 117.87 करोड़ रूपए की लागत से बनाया गया है। इसमें डेवलपर द्वारा बनाए गए केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र में 3,500 मीट्रिक टन की भंडारण क्षमता से युक्त कई चैंबरों वाला कोल्ड स्टोर, 5,000 मीट्रिक टन क्षमता वाला वेयर हाउस, सब्जियों और फलों के गूदे निकालने के लिए बड़ी पाइपलाइन, क्यूसी प्रयोगशाला और खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी ऐसी ही कई अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों के लिए पार्क में एक प्रशासनिक भवन भी बनाया गया है। इसके अलावा भरूच, पाद्रा (वडोदरा), वलसाड और नवसारी में खेतों के पास ही प्राथमिक स्तर पर प्रसंस्करण और भंडारण के लिए 4 स्थानीय केंद्र भी बनाए गए हैं।
- मेगा फूड पार्क की 25 से 30 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों में 250 करोड़ रुपए का अतिरिक्त निवेश होने की संभावना है। इस पार्क में करीब 450 से 500 करोड़ रुपए का सालाना कारोबार होगा और इससे परोक्ष और अपरोक्ष रूप से 5,000 लोगों को रोजगार मिलेगा और फूड पार्क के आस-पास के इलाकों के करीब 25,000 किसान लाभन्वित होंगे।
- फूड पार्क की आधुनिक बुनियादी संरचना से किसान, उत्पादक और प्रसंस्करण उद्योग से जुड़े लोग तथा उपभोक्ता सभी लाभान्वित होंगे। इससे गुजरात के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।
- खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के मूल्य संवर्धन और आपूर्ति श्रृंखला के प्रत्येक चरण में जल्दी नष्ट होने वाले खाद्य पदार्थों की बर्बादी को कम करने के उद्देश्य से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने देश में मेगा फूड पार्क योजना लागू की है। मेगा फूड पार्क एक क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण के लिए आधुनिक आधारभूत सुविधाएं प्रदान करता है। केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र में सामान्य सुविधाएं और सक्षम बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाता है और प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्रों (पीपीसी) और संग्रह केंद्रों (सीसी) के रूप में कृषि के पास प्राथमिक प्रसंस्करण और भंडारण की सुविधा दी जाती है। मेगा फूड योजना के तहत, भारत सरकार प्रति मेगा फूड पार्क के लिए 50 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद देती है।