केंद्र सरकार ने पेट्रोल पम्प लगाने के नियमों को सरल बनाते हुए गैर तेल कंपनियों के लिए भी इस व्यापार में आने का रास्ता खोल दिया है। इस फैसले के बाद निजी और विदेशी कंपनियां खुदरा ईंधन के क्षेत्र में आ सकेंगी। आर्थिक मामलों से सम्बद्ध मंत्रिमंडल की समिति ने 23 अक्टूबर 2019 को परिवहन ईंधन बेचने की अनुमति देने के संशोधित दिशानिर्देशों का अनुमोदन किया।
250 करोड़ रूपये मूल्य की परिसंपत्तियों वाली कंपनियों को पेट्रोल और डीजल बेचने की अनुमति दी जाएगी। ऐसी कंपनियों पर यह भी शर्त होगी कि उन्हें कारोबार आरम्भ करने के तीन साल के भीतर सी.एन.जी., एल.एन.जी., जैव ईंधन या विद्युत वाहन चार्ज करने जैसे वैकल्पिक ईंधनों में से कोई एक सुविधा देनी होगी।
मुख्य विशेषताएं और प्रभाव :
- निजी कंपनियों के लिए बाधाएं काफी कम हुईं – ऐसे अधिकार पाने के लिए इच्छुक कंपनियों के लिए 2000 करोड़ रुपये के पूर्ववर्ती निवेश की मौजूदा आवश्यकता की तुलना में अब न्यूनतम 250 करोड़ के सकल निवेश की जरूरत होगी।
- गैर-तेल कंपनियां भी खुदरा क्षेत्र में निवेश कर सकती हैं। तेल और गैस क्षेत्र में पूर्ववर्ती निवेश की जरूरत को समाप्त किया गया है, जिनमें मुख्य रूप से खोज एवं उत्पादन, शोधन, पाइपलाइन/टर्मिनल आदि शामिल हैं।
- पेट्रोल एवं डीजल के लिए विपणन अधिकार पाने की इच्छुक कंपनियों को खुदरा और खुली बिक्री के अधिकार हेतु अलग-अलग अथवा दोनों के लिए आवेदन करने हेतु अनुमति है।
- कंपनियों को विपणन अधिकार के लिए एक संयुक्त उपक्रम अथवा सहायक कंपनी स्थापित करने में लचीलापन प्रदान किया गया है।
- पारम्परिक ईंधनों के अतिरिक्त, अधिकृत कंपनियों के लिए, कथित बिक्री केन्द्र के संचालन के तीन वर्ष के भीतर उनके प्रस्तावित खुदरा बिक्री केन्द्रों में सीएनजी, एलएनजी, जैव ईंधन, विद्युत चार्जिंग आदि जैसे कम-से-कम एक नए वैकल्पिक ईंधन के विपणन के लिए सुविधाएं स्थापित करना जरूरी है।
- विदेशी कंपनियों सहित अधिक संख्या में निजी कंपनियों द्वारा खुदरा ईंधन विपणन में निवेश की आशा है, जिससे उपभोक्ताओं के लिए बेहतर प्रतिस्पर्धा एवं बेहतर सेव उपलब्ध होगी।
- नई कंपनियां ईंधनों के विपणन के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करेंगी और खुदरा बिक्री केंद्रों पर डिजिटल भुगतान को बढ़ावा भी देंगी।
- ये कंपनियां खुदरा बिक्री केंद्रों पर महिलाओं और पूर्व सैनिकों के रोजगार को भी बढ़ावा देंगी।
- सभी खुदरा बिक्री केंद्रों पर सीसीटीवी सुविधाएं स्थापित की जायेंगी।
- अधिकृत कंपनियों के लिए अधिकार प्राप्ति के पांच वर्ष के भीतर अधिसूचित दूरस्थ क्षेत्रों में कुल खुदरा बिक्री केंद्रों का न्यूनतम 5 प्रतिशत केंद्र स्थापित करना जरूरी होगा। इस बाध्यता की निगरानी के लिए कारगर निगरानी प्रणाली स्थापित की गई है।
- किसी व्यक्ति को सार्वजनिक उपक्रम के ओएमसी के खुले डीलरशिप के मामले में एक से अधिक विपणन कंपनी का डीलरशिप पाने की अनुमति दी जा सकती है, किंतु विभिन्न स्थलों में।