केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रुकी हुई किफायती और मध्यम-आय आवासीय क्षेत्र की परियोजनाओं को पूरा करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर ऋण वित्त पोषण उपलब्ध कराने के लिए 25,000 करोड़ रुपये के विशेष विंडो कोष ( Alternate Investment Fund : AIF) की स्थापना को मंजूरी दी है।
इस कोष के उद्देश्यों के लिए सरकार एक प्रायोजक के रूप में कार्य करेगी और सरकार द्वारा दी जाने वाली कुल प्रतिबद्धता 10,000 करोड़ रुपये तक होगी।
यह कोष सेबी के साथ पंजीकृत श्रेणी-11 एआईएफ (वैकल्पिक निवेश कोष) ऋण कोष के रूप में स्थापित किया जाएगा और इसका पेशेवर रूप से उपयोग किया जाएगा।
विशेष विंडो के तहत पहले एआईएफ के लिए यह प्रस्ताव किया गया है कि एसबीआईसीएपी वेंचर्स लिमिटेड निवेश प्रबंधक के रूप में काम करेगा।
यह कोष उन डेवलपर्स को राहत प्रदान करेगा, जिन्हें अपनी अधूरी पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए धन की आवश्यकता है। इसके परिणामस्वरूप घर खरीदने वालों को घरों की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
क्योंकि रियल एस्टेट उद्योग आंतरिक रूप अनेक अन्य उद्योगों के साथ जुड़ा हुआ है, इसलिए इस क्षेत्र के विकास से भारतीय अर्थव्यवस्था के अन्य प्रमुख क्षेत्रों में व्याप्त तनाव को दूर करने के बारे में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
पृष्ठभूमि:
वित्तमंत्री ने 14 सितंबर, 2019 को यह घोषणा की थी कि किफायती और मध्यम-आय वाली आवासीय परियोजनाओं के लिए एक स्पेशल विंडो स्थापित की जाएगी, जो रूकी पड़ी सभी आवासीय परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण उपलब्ध कराएगी।
परिणामस्वरूप आवासीय वित्त कंपनियों, बैंकों, एनबीएफसी, निवेशकों और रियल एस्टेट डेवलपर्स सहित आवास उद्योग के साथ अंतर-मंत्रालयी परामर्श और अनेक हितधारक परामर्शों का आयोजन किया गया। घर क्रेताओं, डेवलपर्स, लेंडर्स और निवेशकों के सामने आने वाली समस्याओं का पता लगाया गया और उनका स्पेशल विंडो के माध्यम से समाधान किया जा सकता है।