महाराष्ट्र के रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, पालघर, ठाणे और रायगढ़ जिलों में अल्फांसो आम को भौगोलिक संकेत (जीआई) के रूप में पंजीकृत किया गया है।
- आमों के राजा, अल्फांसो, जिसे महाराष्ट्र में ‘हापुस’ के नाम से जाना जाता है, की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में न केवल अपने स्वाद के लिए बल्कि सुखद सुगंध और जीवंत रंग के लिए भी मांग है।
- यह लंबे समय से दुनिया के सबसे लोकप्रिय फल में से एक रहा है और इसे जापान, कोरिया और यूरोप समेत विभिन्न देशों में निर्यात किया जाता है। अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे नए बाजार हाल ही में इसके लिए खोले गए हैं।
भौगोलिक संकेत के बारे में
- एक भौगोलिक संकेत या जीआई टैग उन उत्पादों को दिया जाता है जिनकी एक विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति होती है और उस उत्पत्ति के कारण उसकी गुण या प्रतिष्ठा होती है। इस तरह का दर्जा गुणवत्ता और विशिष्टता की मान्यता है जो अनिवार्य रूप से परिभाषित भौगोलिक इलाके में इसकी उत्पत्ति के लिए जिम्मेदार है।
- दार्जिलिंग चाय, महाबलेश्वर स्ट्रॉबेरी, जयपुर की ब्लू पोटरी, बनारसी साड़ी और तिरुपति लड्डू कुछ प्रमुख जीआई हैं।
जीआई उत्पाद मिलने से दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले किसी उत्पाद विशेष से जुड़े कारीगरों, किसानों, और बुनकरों की पूरक आय में वृद्धि हो सकती है। - हाल ही में, वाणिज्य और उद्योग मंत्री, सुरेश प्रभु ने भारत के भौगोलिक संकेतों (जीआई) के लिए लोगो और टैगलाइन लॉन्च की।
औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग ने इस संबंध में कई पहले की हैं जिनमें जीआई उत्पादकों के लिए, जीआई के प्रचार और विपणन के लिए सफल प्रयास शामिल है। - भारत में जीआई टैग प्राप्त करने वाला पहला उत्पाद 2004 में दार्जिलिंग चाय थी। अभी भारत के कुल 325 उत्पादों को जीआई टैग प्राप्त है।