- भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड की 19 नवंबर, 2018 को हुई बैठक में ‘इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क’ (economic capital framework: ECF) पर विचार करने के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी गठित करने की घोषणा की है। यह कमेटी इस पर विचार करेगी कि भारतीय रिजर्व बैंक अपने पास कितना रिजर्व रख सकता है।
- वर्ष 2017-18 में आरबीआई का बैलेंस सीट 36.2 लाख करोड़ रुपए का था।
- बोर्ड की बैठक में ‘प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन’ (पीसीए) फ्रेमवर्क पर भी पुनर्विचार करने का निर्णय बोर्ड ने लिया। इस पर भारतीय रिजर्व बैंक का ‘बोर्ड फॉर फिनांशियल सुपरविजन’ (Board for Financial Supervision: BFS) विचार करेगा।
- बीएफएस में आरबीआई के गवर्नर के अलावा, चार उप-गवर्नर एवं केंद्रीय बोर्ड के कुछ सदस्य भाग लेते हैं। ज्ञातव्य है कि फिलहाल सार्वजनिक क्षेत्र के 21 में से 11 बैंक आरबीआई के प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन का सामना कर रहे हैं जिसके तहत उन्हें कर्ज देने पर कई तरह की पाबंदी लगा दी गई है।
- प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन तब स्वतः लागू हो जाता है जब 1. जोखिम भारांश संपदा की तुलना में पूंजी अनुपात, 2. एनपीए और 3. संपदा पर रिटर्न (आरओए) की सीमा का उल्लंघन किया जाता है।