प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 11 अक्टूबर, 2018 को नई दिल्ली में चौथी औद्योगिक क्रांति के केंद्र की शुरूआत संबंधी आयोजन में हिस्सा लिया। सैन फ्रांसिसको, टोकियो और पेईचिङ के बाद दुनिया में यह चौथा केंद्र है।
- प्रधानमंत्री के अनुसार वास्तव में ‘उद्योग 4.0’ में मानव जीवन के वर्तमान और भविष्य को बदलने की क्षमता मौजूद है।
- उन्होंने कहा कि कृत्रिम बौद्धिकता, मशीन-लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ब्लॉकचेन और बिग डाटा जैसे उभरते क्षेत्र भारत को विकास की नई ऊंचाईयों पर ले जा सकते हैं तथा नागरिकों के जीवन को बेहतर बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के लिए न सिर्फ एक औद्योगिक परिवर्तन है बल्कि सामाजिक परिवर्तन भी है। उन्होंने कहा कि ‘उद्योग 4.0’ में भारत में अपरिवर्तनीय रचनात्मक बदलाव लाने की क्षमता है। उन्होंने आगे कहा कि इससे भारत में कामों में आवश्यक तेजी आएगी और काम-काज बेहतर बनाने में सहायता होगी।
- प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि कैसे डिजिटल इंडिया अभियान ने डेटा को भारत के गांव तक पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि निकट अतीत में संचार-सघनता, इंटरनेट कवरेज और मोबाइल इंटरनेट सुविधा लेने वालों की तादाद बहुत बढ़ी है।
- उन्होंने भारत में सामान्य सेवा केंद्रों की संख्या में तेज बढ़ोतरी के बारे में उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि विश्व में सबसे अधिक मोबाइल डेटा खपत भारत में होती है और भारत एक ऐसा देश है जहां डेटा सबसे कम कीमत पर उपलब्ध है। इस सिलसिले में उन्होंने भारत की डिजिटल अवरचना और आधार, यूपीआई, ई-नाम और जीईएम सहित उसके इंटरफेस की चर्चा की। उन्होंने कहा कि कृत्रिम बौद्धिकता में अनुसंधान के लिए कुछ महीने पूर्व एक मजबूत अवरचना बनाने के लिए राष्ट्रीय रणनीति तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि नए केंद्र से इस प्रक्रिया को बल मिलेगा।
- ‘उद्योग 4.0’ और कृत्रिम बौद्धिकता के विस्तार से स्वास्थ्य सुधार बेहतर होगा और स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च कम होगा। इससे किसानों को मदद मिलेगी और यह कृषि क्षेत्र के लिए बहुत सहायक होगा। यातायात और स्मार्ट मोबिलिटी जैसे क्षेत्रों में केंद्र अहम भूमिका निभा सकता है।
- प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति से लाभ उठाने में सक्षम होगा। उन्होंने कहा कि भारत इस दिशा में बहुत योगदान भी करेगा। उन्होंने कहा कि स्किल इंडिया मिशन, स्टार्टअप इंडिया और अटल नवाचार अभियान जैसी सरकार की पहलें हमारे युवाओं को नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए तैयार कर रही हैं।
चौथी औद्योगिक क्रांति
- चौथी औद्योगिक क्रांति वस्तुतः विश्व आर्थिक मंच के संस्थापक क्लॉस श्वाब की अवधारणा है। इस क्रांति का संबंध ऑटोमेशन से है। इसमें रोबोट, स्वचालित कार, मोबाइल सुपर कंप्यूटिंग शामिल है।
- क्लॉस श्वाब के अनुसार वर्तमान में हम इस क्रांति की शुरुआत में है जो हमारे जीवन के रहन-सहन को परिवर्तित कर रही है। हम कैसे रहते हैं, कैसे काम करते हैं, एक-दूसरे से जोड़ते हैं, चतुर्थ औद्योगिक क्रांति इन सबको प्रभावित कर रहा है।
- क्लॉस श्वाब ने इस विषय पर ‘चतुर्थ औद्योगिक क्रांति’ नाम से नाम से पुस्तक भी लिखा है।
- प्रथम औद्योगिक क्रांति (18वीं व 19वीं शताब्दी) ने उत्पादन को यांत्रिक करने के लिए भाप इंजन का इस्तेमाल किया, द्वितीय औद्योगिक क्रांति विद्युत के जरिए उत्पादन को बढ़ाया, तीसरी औद्योगिक क्रांति ने सूचना प्रौद्योगिकी के जरिए उत्पादन को स्वचालित किया जबकि चौथी औद्योगिक क्रांति का संबंध डिजिटल क्रांति से है।