- आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने 13 फरवरी, 2019 को ऋण आधारित पूंजीगत सब्सिडी (सीएलसीएस) घटक में प्रौद्योगिकी अधिग्रहण एवं विकास निधि (टीएडीएफ) और प्रौद्योगिकी एवं गुणवत्ता उन्नयन के जरिये ऋण आधारित पूंजीगत सब्सिडी और प्रौद्योगिकी उन्नयन योजना ‘सीएलसीएस-टीयूएस’ (Credit Linked Capital Subsidy and Technology Up-gradation Scheme: CLCS-TUS) को जारी रखने के बारे में अपनी मंजूरी दे दी है।
- इन दोनों घटकों के समान उद्देश्य हैं। पूर्ववर्ती राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धा कार्यक्रम (एनएमसीपी) के अन्य घटकों को संशोधित योजना में शामिल किया गया है।
- नई योजना को 2017-18 से 2019-20 की अवधि के लिए जारी रखने पर 2900 करोड़ रुपये का कुल व्यय होगा।
- योजना का लक्ष्य: ऋण आधारित पूंजीगत रियायत के उन्नयन को लेकर अनेक जारी योजनाओं को जोड़ कर, विनिर्माण के क्षेत्र में जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट के लिए सहयोग कायम करके, कचरे में कमी करके उत्पादकता वृद्धि, डिजाइन के इस्तेमाल, क्लाउड कम्प्यूटिंग, बौद्धिक सम्पदा अधिकारों में आसानी और नई अवधारणाओं की शुरूआत करके वर्ष 2017-18 और 2019-20 के बीच सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम की प्रतिस्पर्धा में सुधार लाना इस योजना का लक्ष्य है।