- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 28 अगस्त 2019 को विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की समीक्षा के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
- कोयला क्षेत्र में कोयले की बिक्री के लिए कोयला खनन, इससे संबंधित प्रसंस्करण यानी प्रोसेसिंग अवसंरचनाओं में स्वचालित रास्ते से 100% एफडीआई एक कुशल और प्रतिस्पर्धी कोयला बाजार के लिए अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को आकर्षित करेगा।
- अनुबंध के माध्यम से विनिर्माण मेक इन इंडिया के उद्देश्य में समान रूप से योगदान देता है। अब अनुबंध विनिर्माण (contract manufacturing) में स्वचालित मार्ग के तहत एफडीआई की अनुमति दी गयी है, यह भारत में विनिर्माण क्षेत्र को एक बड़ा बढ़ावा देने वाला होगा।
- वित्त मंत्री के केंद्रीय बजट भाषण में एकल ब्रांड खुदरा व्यापार (एसबीआरटी) में एफडीआई के लिए स्थानीय सोर्सिंग मानदंडों को आसान बनाने की घोषणा की गई थी। एक आधार वर्ष में ज्यादा निर्यात वाली कंपनियों के लिए एक समान स्तर बनाने के अलावा इससे एसबीआरटी इकाइयों के लिए ज्यादा लचीलापन आएगा और परिचालन में आसानी होगी। इसके अलावा, पारंपरिक स्टोरों की शुरुआत से पहले ही ऑनलाइन बिक्री की अनुमति देने से नीतियों को बाजार के मौजूदा तरीकों से मिलाया जा सकेगा। ऑनलाइन बिक्री से लॉजिस्टिक्स, डिजिटल भुगतान, ग्राहक सेवा, प्रशिक्षण और उत्पाद कुशलता के क्षेत्र में भी रोजगार सृजन होगा।
पृष्ठभूमि
- एफडीआई आर्थिक विकास को गति देने वाला एक प्रमुख कारक है और देश के आर्थिक विकास के लिए गैर-ऋण वाले वित्त का स्रोत है। सरकार ने एफडीआई को लेकर एक निवेशक अनुकूल नीति बना रखी है, जिसके तहत अधिकांश क्षेत्रों/गतिविधियों में स्वचालित रास्ते से 100% तक एफडीआई की अनुमति है। भारत को एक आकर्षक निवेश गंतव्य बनाने के लिए एफडीआई नीति के प्रावधानों को हाल के वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में लगातार उदार बनाया गया है। इनमें रक्षा, विकास संबंधी निर्माण, ट्रेडिंग, फार्मास्यूटिकल्स, पावर एक्सचेंज, बीमा, पेंशन, अन्य वित्तीय सेवाओं, परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों, प्रसारण और नागरिक उड्डयन जैसे कुछ क्षेत्र शामिल हैं।
- इन सुधारों ने पिछले पांच वर्षों में भारत में रिकॉर्ड स्तर पर एफडीआई के प्रवाह को आकर्षित करने में योगदान दिया है। भारत में वर्ष 2009-10 से 2013-14 की पांच साल की अवधि की तुलना में वर्ष 2014-15 से 2018-19 तक कुल एफडीआई 286 बिलियन डॉलर रहा है। वास्तव में, 2018-19 में कुल एफडीआई 64.37 बिलियन (अनंतिम आंकड़ा) डॉलर किसी भी वित्तीय वर्ष के लिए प्राप्त किया गया सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है।