- बिहार की प्रसिद्ध शाही लीची को ‘ज्योग्राफिकल इंडिकेशन रजिस्ट्री ने ‘भौगोलिक उपदर्शन’ यानी जीआई टैग (Geographical Indication: GI) प्रदान किया है।
- बिहार की शाही लीची मुख्य रूप से मुजफ्फरपुर में पाई जाती है। यह लीची अपने मीठे स्वाद व रस के लिए काफी प्रसिद्ध है।
- जीआई टैग मिलने से इसके उत्पादकों को बड़ा बाजार व उचित मूल्य मिल पाएगा।
- बिहार के जीआई टैग उत्पादः शाही लीची के अलावा बिहार के कई उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है। ये उत्पाद हैंः मधुबनी पेंटिंग, खटवा पैच वर्क, सुजिनी कढ़ाई, सिक्की घास कार्य, भागलपुरी सिल्क, भागलपुरी जर्दालू, कतरनी चावल, मगही पान।
- इस वर्ष शाही लीची के अलावा गुजरात का राजकोट पटोला, इटली का ग्राना पैदानो पनीर (Grana Padano), असम को बोका चौल (चावल), अल्फोंसा आम (महाराष्ट्र), झाबुआ कड़कनाथ चिकेन (मध्य प्रदेश) को भी जीआई टैग दिया जा चुका है।
- जीआई टैग उत्पाद गुणवत्ता व विशिष्टता का आश्वासन होता है।
- औद्योगिक संपदा की सुरक्षा पर पेरिस अभिसमय की धारा 1 व 10 के तहत जीआई को बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) का संरक्षण प्राप्त है। इसे ट्रिप्स समझौता, जो कि गैट समझौता के उरूग्वे राउंड के तहत आता है, की धारा 22-24 के तहत भी संरक्षण प्राप्त है।
- विश्व व्यापार संगठन के सदस्य के रूप में भारत ने वस्तुओं का भौगोलिक उपदर्शन (पंजीकरण व सुरक्षा) एक्ट बनाया जो 15 सितंबर, 2003 को प्रभावी हुआ।
COMPLETE LIST OF GI PRODUCTS IN INDIA