चीनी के अतिरिक्‍त भंडारों के निपटारे के लिए चीनी निर्यात नीति को मंजूरी

  • आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने 28 अगस्त 2019 को गन्‍ना सीजन 2019-20 के दौरान चीनी मिलों के लिए 10,448 रुपए प्रति मीट्रिक टन की दर से निर्यात सब्सिडी प्रदान करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। इस उद्देश्‍य की पूर्ति के लिए लगभग 6,268 करोड़ रुपए का कुल अनुमानित व्‍यय होगा।
  • गन्‍ना सीजन 2019-20 के लिए एकमुश्‍त निर्यात सब्सिडी आवाजाही, उन्‍नयन तथा प्रक्रिया संबंधी अन्‍य लागतों, अंतर्राष्‍ट्रीय और आंतरिक परिवहन की लागतों और निर्यात पर ढुलाई शुल्‍कों सहित लागत व्‍यय को पूरा करने के लिए अधिकतम 60 लाख मीट्रिक टन चीनी के निर्यात पर अधिकतम मान्‍य निर्यात मात्रा के लिए चीनी मिलों को आवंटित की जाएगी।
  • चीनी मिलों द्वारा गन्‍ने की बकाया राशि किसानों के बैंक खाते में सब्सिडी की राशि सीधे तौर पर जमा कराई जाएगी और यदि कोई शेष बकाया राशि होगी तो चीनी मिल के खाते में जमा कराई जाएगी। कृषि समझौते की धारा 9.1 (डी) और (ई) के प्रावधानों तथा डब्‍ल्‍यूटीओ के प्रावधानों के अनुसार सब्सिडी दी जाएगी।
  • गन्‍ना सीजन 2017-18 (अक्‍तूबर-सितम्‍बर) और गन्‍ना सीजन 2018-19 के दौरान चीनी के अतिरिक्‍त उत्‍पादन को ध्‍यान में रखते हुए, सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्‍न कदमों से भिन्‍न, मौजूदा गन्‍ना सीजन 2019-20 में लगभग 142 लाख मीट्रिक टन चीनी का खुला भंडार होगा और सीजन के अंत में लगभग 162 लाख मीट्रिक टन भंडार होने का अनुमान है।

पृष्‍ठभूमि

  • चीनी के 162 लाख मीट्रिक टन के अतिरिक्‍त भंडार से गन्‍ने के मूल्‍यों पर पूरे सीजन में प्रतिकूल दबाव पैदा होगा जिससे किसानों के गन्‍ने की बकाया धनराशि के भुगतान में चीनी मिलों को कठिनाई होगी।
  • इस स्थिति से निपटने के लिए, सरकार ने हाल में 1 अगस्‍त, 2019 से एक वर्ष के लिए चीनी का 40 लाख मीट्रिक टन बफर भंडार तैयार किया है। हालांकि, 31 जुलाई, 2020 तक इस बफर भंडार और गन्‍ना सीजन 2019-20 के दौरान बी-हेवी मोलेस/गन्‍ना रस से इथानॉल के उत्‍पादन द्वारा चीनी पर संभावित प्रभाव तथा दो महीने के लिए मानक भंडार की जरूरत को ध्‍यान में रखते हुए, चीनी का लगभग 60 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्‍त भंडार होगा, जिसका निपटारा निर्यात के माध्‍यम से करना होगा।

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