डीआरडीओ की फुल बाडी डिस्इंफेक्शन चैंबर- पर्सनल सैनिटाइजेशन इंक्लोजर्स (PSE)

कोविड 19 महामारी के खिलाफ जारी प्रयासों में, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) त्वरित तरीके से उत्पादों का विकास करने के लिए वैज्ञानिक प्रयत्नों का उपयोग करता रहा है। डीआरडीओ प्रयोगशालाएं अधिक मात्रा में उत्पादन के लिए उद्योग के साझीदारों के साथ कार्य कर रही हैं।

पर्सनल सैनिटाइजेशन इंक्लोजर्स

डीआरडीओ की एक अहमदनगर स्थित एक प्रयोगशाला प्रयोगशाला वाहन अनुसंधान विकास प्रतिष्ठान (वीआरडीई) ने पीएसई (Personnel Sanitisation Enclosure: PSE)) नामक एक फुल बाडी डिस्इंफेक्शन चैंबर की डिजाइन तैयार की है। इस वाॅक थ्रू इंक्लोजर की डिजाइन एक समय पर एक व्यक्ति के लिए पर्सनल डिकान्टामिनेशन के लिए तैयार की गई है। यह सैनिटाइजर एवं सोप डिस्पेंसर से सुसज्जित एक पोर्टेबल सिस्टम है। डिकान्टामिनेशन एंट्री के समय एक फुट पैडल का उपयोग करने के जरिये शुरु होता है। चैंबर में प्रविष्ट होने के बाद, विद्युत तरीके से प्रचालित पंप डिस्इंफेक्शन के लिए हाइपो सोडियम क्लोराइड का एक डिस्इंफेक्टैंट मिस्ट तैयार करता हे। इस मिस्ट स्प्रे को 25 संकेंड के एक परिचालन के लिए अशांकित किया जाता है और यह परिचालन की पूर्णता का संकेत देते हुए स्वचालित रूप से बंद हो जाता है। प्रक्रिया के अनुसार, चैंबर के भीतर रहने के दौरान डिस्इंफेक्शन से गुजर रहे कार्मिक को अपनी आंखें बंद रखने की आवश्यकता होगी। इस प्रणाली में कुल 700 लीटर क्षमता के साथ रूफ माउंटेड और बाटम टैंकों की आवश्यकता होती है। लगभग 650 कार्मिक डिस्इंफेक्शन के लिए चैंबर से गुजर सकते हैं जबतक कि रिफिल की आवश्यकता न पड़े। इस प्रणाली में निगरानी के प्रयोजन के लिए साइड वॅल्स पर सी-थ्रू ग्लास पैनल होते हैं और ये रात के समय के आपरेशनों के दौरान प्रदीपन के लिए रोशनी से सुसज्जित होते हैं। समग्र आपरेशन की निगरानी के लिए एक पृथक आपरेटर केबिन उपलब्ध कराया जाता है। इस प्रणाली को चार दिनों की समयावधि के भीतर मेसर्स डी एच लिमिटेड, गाजियाबाद की सहायता से विनिर्मित किया गया है। इस प्रणाली का उपयोग अस्पतालों, मालों, कार्यालय भवनों एवं महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के प्रवेश एवं निकास पर कंट्रोल्ड इंग्रेस एवं एग्रेस के क्षेत्रों में कार्मिक के डिस्इंफेक्शन के लिए किया जा सकता है।

फुल फेस मास्क

रिसर्च सेंटर इमारात (आरसीआई), हैदराबाद एवं टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लैबोरेटरी (टीबीआरएल), चंडीगढ़ ने कोविड-19 के संपर्क में आने वाले स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए फेस प्रोटेक्शन मास्क का विकास किया है। इसका हल्का वजन इसे लंबी अवधि के लिए आरामदायक वियर के रूप में सुविधाजनक बनाता है। इसकी डिजाइन चेहरे की सुरक्षा के लिए सामान्य रूप से उपलब्ध ए4 साइज ओवर-हेड प्रोजेक्शन (ओएचपी) फिल्म का उपयोग करता है।

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