असम सरकार ने देहिंग पटकाई वन्यजीव अभ्यारण्य (Dehing Patkai Wildlife Sanctuary) को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा देने की घोषणा की है। 6 जुलाई, 2020 को हुयी राज्य कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी गई।
जहां वन्यजीव अभ्यारण्य में कुछ गतिविधियों की मंजूरी होती है वहीं वन्यजीव सुरक्षा कानून 1972 के तहत नेशनल पार्क को पूर्ण सुरक्षा प्राप्त होती है जहां गतिविधियों की अनुमति नहीं होती है।
उल्लेखनीय है कि अप्रैल 2020 में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड ने अपनी बैठक में सालेकी प्रस्तावित रिजर्व वन में कोयला खनन की अनुमति दी थी जिसके पश्चात काफी विवाद हो गया था। सालेकी रिजर्व देहिंग पटकाई हाथी रिजर्व का हिस्सा है जिसमें देहिंग पटकाई वन्यजीव अभ्यारण्य भी शामिल है।
देहिंग पटकाई वन्यजीव अभ्यारण्य
असम सरकार ने वर्ष 2004 में देहिंग पटकाई को वन्यजीव अभ्यारण्य घोषित किया था।
इसे जेपोर वर्षावन के नाम से भी जाना जाता है। यह असम का एकमात्र वर्षावन (पर्णपाती) है और यह 111.19 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है।
इसमें जेपोर, ऊपरी देहिंग व दिरोक शामिल है।
वन के मध्य से गुजरने वाली नदी का नाम देहिंग है जबकि पटकाई पहाड़ी है जिसके नीचे अभ्यारण्य स्थित है।
यह वन्यजीव अभ्यारण्य देहिंग पटकाई एलीफेंट रिजर्व का हिस्सा है।
यह असम के डिब्रुगढ़ एवं तिनसुखिया जिला में विस्तृत है।
असम में नेशनल पार्क
जून 2020 की स्थिति के अनुसार असम में पांच नेशनल पार्क हैं। ये हैंः
1. डिब्रू-साइखोवा नेशनल पार्क
2. काजीरंग नेशनल पार्क
3. मानस नेशनल पार्क
4. नामेरी नेशनल पार्क
5. राजीव गांधी ओरांग नेशनल पार्क