स्टॉक एक्सचेंज नियामक सेबी ने 6 मई को सोशल स्टॉक एक्सचेंज (social stock exchanges (SSEs) पर सार्वजनिक तकनीकी समूह (टीजी) की रिपोर्ट सार्वजनिक की।
- नाबार्ड के पूर्व अध्यक्ष हर्ष भनवाला की अध्यक्षता वाले विशेषज्ञ पैनल ने अपनी सिफारिश में सामाजिक उद्यम (एसई) के स्टॉक एक्सचेंज से जुड़ने के लिए मोटे तौर पर 15 क्षेत्रों में काम की शर्तों की सिफारिश की है।
- रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की गयी है कि कॉर्पोरेट संस्थानों, राजनीतिक या धार्मिक संगठनों के साथ-साथ व्यावसायिक या व्यापार संघों और आवास कंपनियों को सोशल एक्सचेंज पर धन जुटाने की अनुमति नहीं होनी चाहिए।
- विशेषज्ञ पैनल ने सिफारिश की है कि फॉर-प्रॉफिट (एफपी) और नॉट-फॉर-प्रॉफिट (एनपीओ) दोनों प्रकार के संगठनों को एसएसई को टैप करने की अनुमति दी जानी चाहिए, बशर्ते वे उस सामाजिक इरादे और प्रभाव को प्रदर्शित करने में सक्षम हों।
- पैनल ने जिन 15 क्षेत्रों में काम की शर्त की शर्त रखने की सिफारिश की है उसमें भुखमरी, गरीबी, कुपोषण और असमानता का उन्मूलन, स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देना, शिक्षा, रोजगार और आजीविका का समर्थन करना, महिलाओं की लैंगिक समानता सशक्तिकरण और सामाजिक उद्यमों का समर्थन करना शामिल हैं।
- देश में सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) स्थापित करने का प्रस्ताव पहली बार 2019 में केंद्रीय बजट के दौरान लाया गया था। इसी के पश्चात बाजार नियामक सेबी ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज को लेकर कायदा कानून तैयार करने के लिये एक तकनीकी समूह का गठन किया था।
- समूह को गैर-लाभकारी संगठनों और लाभ कमाने वाले उपक्रमों को जोड़ने समेत वित्तीय और संचालन से जुड़ी खुलासों की जरूरत के बारे में अपनी सिफारिशें देने को कहा गया था।
- नियामक ने नाबार्ड के पूर्व चेयरमैन नियामक ने नाबार्ड के पूर्व चेयरमैन हर्ष कुमार भानवाला की अध्यक्षता में तकनीकी समूह का गठन किया था।