मशहूर पर्यावरणविद और गाँधीवादी तथा मशहूर चिपको आंदोलन के प्रणेता रहे सुंदरलाल बहुगुणा का 94 वर्ष की आयु में 21 मई को निधन हो गया। ऋषिकेश स्थित एम्स में शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
- सुंदरलाल बहुगुणा का जन्म नौ जनवरी सन 1927 को देवभूमि उत्तराखंड के मरोडा में हुआ था।
- पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में दिए गए महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें 1986 में जमनालाल बजाज पुरस्कार और 2009 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
- दुनिया में प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के बड़े प्रतीक में शुमार सुंदरलाल बहुगुणा ने 1972 में चिपको आंदोलन को धार दी। चिपको आंदोलन के कारण वे दुनिया में वृक्षमित्र के नाम से मशहूर हो गए।
- वह टिहरी बांध जैसी बड़ी परियोजनाओं के पक्षधर नहीं थे। इसे लेकर उन्होंने वृहद आंदोलन शुरू कर दी थी।
- उनका नारा था-‘धार ऐंच डाला, बिजली बणावा खाला-खाला।’ यानी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पेड़ लगाइये और निचले स्थानों पर छोटी-छोटी परियोजनाओं से बिजली बनाइये।