स्वास्थ्य मंत्रालय ने हैदराबाद की वैक्सीन बनाने वाली कंपनी बायोलॉजिकल-ई लिमिटेड के साथ कोविड-19 की वैक्सीन Corbevax की 30 करोड़ खुराकों के लिये अग्रिम व्यवस्था को अंतिम रूप दे दिया है।
- वैक्सीन की ये खुराकें बायोलॉजिकल-ई कंपनी बनायेगी और उनका भंडारण करेगी।
- इस उद्देश्य को मद्देनजर रखते हुये स्वास्थ्य मंत्रालय, मेसर्स बायोलॉजिकल-ई को 1500 करोड़ रुपये अग्रिम दे रहा है।
- बायोलॉजिकल-ई की कोविड-19 वैक्सीन इस समय तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल से गुजर रही है। पहले और दूसरे क्लीनिकल ट्रायल में बेहतर नतीजे मिले थे। वैक्सीन को बायोलॉजिकल-ई ने विकसित किया है, जो आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट (recombinant protein sub-unit) वैक्सीन है।
- बायोलॉजिकल-ई के वैक्सीन प्रस्ताव पर नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनेस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 (नेगवैक) ने चर्चा और पड़ताल करने के बाद उसे मंजूर करने की सिफारिश की थी।
- बायोलॉजिकल-ई कोविड वैक्सीन की किस्म को भारत सरकार क्लीनिकल पूर्व चरण से तीसरे चरण के अध्ययन तक समर्थन देती आ रही है। बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने न केवल 100 करोड़ रुपये के अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता दी है, बल्कि विभाग बायोलॉजिकल-ई के साथ साझेदारी भी कर रह है। वैक्सीन सम्बंधी जंतुओं पर प्रयोग और अध्ययन का काम ट्रांसलेशनल स्वास्थ्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, फरीदाबाद के जरिये किया गया।