हाल में चीन ने भूटान के साकतेंग अभ्यारण्य (Sakteng sanctuary) को विवादित बताते हुए संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ग्लोबल एनवायर्नमेंट फैसिलिटी (जीईएफ) में भूटान द्वारा अनुदान प्राप्त करने के प्रयास का विरोध किया। चीन के इस विरोध के पश्चात भूटान ने चीनी सरकार से कड़ी आपत्ति जतायी। इस अभ्यारण्य के लिए भूटान 2018-19 में अनुदान प्राप्त कर चुका है।
साकतेंग अभ्यारण्य भूटान की पूर्वी सीमा पर त्रसिगांग जोंगखाग जिला में स्थित है जो भारत के अरुणाचल प्रदेश से सीमा बनाता है।
चीन के विदेश विभाग के अनुसार भूटान और चीन के बीच सीमा को कभी भी रेखांकित नहीं किया गया है और यह अभ्यारण्य अभी भी विवादित क्षेत्र में पड़ता है।
उल्लेखनीय है कि दोनों देशों के बीच वर्ष 1984 से 2016 के बीच हुयी 24 दौर की सीमा वार्ताओं में कभी भी भूटान का पूर्वी हिस्सा पर चर्चा नहीं हुयी।
इसका मतलब है कि इससे पहले चीन ने कभी इस पर विवाद पैदा नहीं किया। दोनों पक्षों के बीच पश्चिम में चुंबी घाटी (जहां डोकलाम स्थित है) तथा उत्तर में जाकरलुंग व पासमलुंग पर वार्ता होती रही है।
ग्लोबल एनवायर्नमेंट फैसिलिटी (जीईएफ)
जीईएफ (Global Environment Facility: GEF) एक ट्रस्ट निधि है जिसकी स्थापना 1992 रियो पृथ्वी सम्मेलन की पूर्व संध्या पर हुयी थी।
विश्व बैंक जीईएफ की ट्रस्टी के रूप में कार्य करता है तथा जीईएफ ट्रस्ट फंड (GEF Trust Fund) को प्रबंधित करता है।
जीईएफ फंड विश्व के विकासशील देशों तथा संक्रमण वाली अर्थव्यवस्थाओं को पर्यावरण पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों एवं कंवेंशनों के दायित्वों को पूरा करने के लिए प्रदान किया जाता है।