केंद्र सरकार ने कश्मीर घाटी में उगाये जाने वाले केसर (Saffron) को जीआई पंजीकरण का प्रमाणपत्र प्रदान कर दिया। जम्मू–कश्मीर के उप-राज्यपाल श्री गिरिश चंद्र मुर्मु के अनुसार कश्मीर में उत्पादित केसर को वैश्विक मानचित्र पर मान्यता दिलाने की दिशा में यह पहला कदम है।
क्षेत्र: यह मसाला कश्मीर के कुछ अन्य क्षेत्रों में भी उगाया जाता है, जिनमें पुलवामा, बडगाम, किश्तवाड़ और श्रीनगर शामिल हैं। यह दुनिया का एकमात्र ऐसा केसर है जो 1,600 मीटर से 1,800 मीटर ऊंचाई ( समुद्र तल से ऊपर) परउगाया जाता है।
तीन प्रकार: कश्मीर में उपलब्ध केसर तीन प्रकार का होता है – लाछा केसर मोंगरा केसर और गुच्छी केसर।
निर्यात: कश्मीर केसर एक बहुत ही कीमती और महंगा उत्पाद है। जहां ईरान केसर का सबसे बड़ा उत्पादक है वही भारत एक करीबी प्रतिस्पर्धी है। जीआई टैग के साथ, कश्मीर केसर निर्यात बाजार में अधिक प्रमुखता हासिल करेगा।
विश्व स्तर पर प्रसिद्ध: कश्मीर केसर एक मसाले के रूप में विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है। यह स्वास्थ्य को जीवंतता प्रदान करता है और सौंदर्य प्रसाधनों में और औषधीय प्रयोजनों के लिए इसका उपयोग किया जाता है। यह पारंपरिक कश्मीरी व्यंजनों से जुड़ा हुआ है और क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है। कश्मीर केसर की अनूठी विशेषताएं इसके लंबे और मोटे धब्बे, प्राकृतिक गहरे-लाल रंग, उच्च सुगंध, कड़वा स्वाद, रासायनिक मुक्त प्रसंस्करण हैं।
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