केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च को 400 करोड़ रुपये की वित्तीय लागत से चार चिकित्सा उपकरण पार्कों में साझा बुनियादी सुविधाओं के वित्त पोषण के लिए चिकित्सा उपकरण पार्कों के संवर्धन की योजना ( scheme on Promotion of Medical Device Parks ) को मंजूरी दी है ।
चिकित्सा उपकरण पार्क योजना
योजना का उद्देश्य राज्यों की भागीदारी में देश में चिकित्सा उपकरण पार्कों का संवर्धन करना है। राज्यों को प्रति पार्क 100 करोड़ रुपये की अधिकतम अनुदान सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। चिकित्सा उपकरण पार्कों के संवर्धन को यह योजना राज्य कार्यान्वयन एजेंसी (एसआईए) द्वारा लागू की जाएगी।
उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना
केंद्र सरकार ने 3,420 करोड़ रुपये की वित्तीय लागत से चिकित्सा उपकरणों के स्वदेशी विनिर्माण के संवर्धन के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को भी मंजूरी दी है ।
इस योजना का उद्देश्य चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में भारी निवेश को आकर्षित करके स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत आधार वर्ष 2019-20 की तुलना में वृद्धि संबंधी बिक्री का 5 प्रतिशत की दर से प्रोत्साहन इस योजना के तहत पहचान की गई चिकित्सा उपकरणों के खंडों पर प्रदान किया जाएगा।
कार्यान्वयनः
प्रभावः
चिकित्सा उपकरण पार्कों के संवर्धन की उप-योजना के तहत चार चिकित्सा उपकरण पार्कों में साझा बुनियादी सुविधाएं जुटाई जाएंगी। इनसे देश में चिकित्सा उपकरणों की विनिर्माण लागत घटने की उम्मीद है।
चिकित्सा उपकरणों के स्वदेशी निर्माण के संवर्धन के लिए पीएलआई योजना स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देगी और इस क्षेत्र से विशेषरूप से पहचान किए गए लक्षित खंडों में भारी निवेश को आकर्षित करेगी। इससे पांच वर्ष की अवधि में 68,437 करोड़ रुपये मूल्य की उत्पादन वृद्धि को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
इन योजनाओं से पांच वर्षों की अवधि में 33,750 नौकरियों से अतिरिक्त रोजगार जुटाए जाने में मदद मिलेगी।
यह योजनाएं चिकित्सा उपकरणों के लक्षित खंडों के आयात में काफी कमी लाने में मदद करेगीं।