केंद्र सरकार ने संशोधित इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर ( Electronics Manufacturing Clusters: EMC 2.0) योजना के लिए वित्तीय सहायता को मंजूरी दे दी है।
उद्देश्य : इसका उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टरों (ईएमसी) के जरिए विश्वस्तरीय अवसंरचना के साथ-साथ साझा सुविधाओं को विकसित करना है। यह आशा की जा रही है कि इन ईएमसी से ईएसडीएम सेक्टर के साथ-साथ उदयमिता संबंधी परिवेश के विकास में मदद मिलेगी, नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और संबंधित क्षेत्र के विकास को नई गति मिलेगी। यह इस सेक्टर में निवेश को आकर्षित करने और रोजगार अवसरों एवं टैक्स राजस्व में वृद्धि के जरिए संभव होगा।
विशेषताएं: संशोधित इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (ईएमसी 2.0) योजना से इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टरों (ईएमसी) और साझा सुविधा केंद्रों दोनों की ही स्थापना में आवश्यक सहयोग मिलेगा। इस योजना को ध्यान में रखते हुए एक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (ईएमसी) को विशिष्ट न्यूनतम दायरे वाले निकटवर्ती भौगोलिक क्षेत्रों में स्थापित किया जाएगा। इसके तहत बुनियादी अवसंरचना, विशिष्ट सुविधाओं और ईएसडीएम इकाइयों के लिए अन्य साझा सुविधाओं के विकास पर फोकस किया जाता है। साझा सुविधा केंद्र (सीएफसी) के लिए संबंधित क्षेत्र में बड़ी संख्या में मौजूदा ईएसडीएम इकाइयां अवस्थित होनी चाहिए और इसके तहत साझा तकनीकी अवसंरचना को उन्नत करने एवं इस तरह के ईएमसी, औद्योगिक क्षेत्रों/पार्कों/औद्योगिक कॉरिडोर में ईएसडीएम इकाइयों के लिए साझा सुविधाएं मुहैया कराने पर फोकस किया जाता है।
कुल परिव्यय : प्रस्तावित ईएमसी 2.0 योजना का कुल परिव्यय 3762.25 करोड़ रुपये है जिसमें 3,725 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता और आठ वर्षों की अवधि के दौरान 37.25 करोड़ रुपये का प्रशासनिक एवं प्रबंधन संबंधी व्यय शामिल हैं।
लाभ
इस योजना से ईएसडीएम सेक्टर में निवेश आकर्षित करने हेतु इलेक्ट्रॉनिक उद्योग के लिए एक सुदृढ़ अवसंरचना आधार का सृजन होगा और इससे रोजगार अवसर बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त होगा। इस योजना के लिए अपेक्षित परिणाम निम्नलिखित हैं:
इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए तैयार अवसंरचना और कंप्यूटर प्रणाली से जुड़े उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में नया निवेश आकर्षित होगा।
विनिर्माण इकाइयों द्वारा रोजगार सृजित किए जाएंगे।
विनिर्माण इकाइयों द्वारा अदा किए जाने वाले टैक्स के रूप में राजस्व अर्जित होगा। (PIB)