कृषि अवसंरचना कोष को मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8 जुलाई 2020 को नई देशव्यापी केंद्रीय क्षेत्र योजना-कृषि अवसंरचना कोष (Agriculture Infrastructure Fund) को अपनी मंजूरी प्रदान की।

यह योजना ब्याज अनुदान और वित्तीय सहायता के माध्यम से, फसल के बाद बुनियादी ढांचा प्रबंधन और सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के लिए व्यवहार्य परियोजनाओं में निवेश के लिए मध्यम-लंबी अवधि के ऋण वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करेगी।

एक लाख करोड़ रुपये ऋण: इस योजना के अंतर्गत, बैंकों और वित्तीय संस्थानों के द्वारा एक लाख करोड़ रुपये ऋण के रूप में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसी), विपणन सहकारी समितियों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), किसानों, संयुक्त देयता समूहों (जेएलसी), बहुउद्देशीय सहकारी समितियों, कृषि उद्यमियों, स्टार्टअपों, संग्रहित अवसंरचना प्रदाताओं और केंद्रीय/राज्य एजेंसियों या स्थानीय निकायों द्वारा प्रायोजित सार्वजनिक निजी भागीदारी परियोजनों को उपलब्ध कराई जाएगी।

ऋण का वितरण चार वर्षों में: ऋण का वितरण चार वर्षों में किया जाएगा, चालू वित्तीय वर्ष में 10,000 करोड़ रुपये और अगले तीन वित्तीय वर्ष में 30,000 करोड़ रुपये क्रमशः की मंजूरी प्रदान की गई है।

ब्याज में 3% की छूट: इस वित्तपोषण सुविधा के अंतर्गत, सभी प्रकार के ऋणों में प्रति वर्ष 2 करोड़ रुपये की सीमा तक ब्याज में 3% की छूट (interest subvention) प्रदान की जाएगी। यह छूट अधिकतम 7 वर्षों के लिए उपलब्ध होगी। इसके अलावा, 2 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (सीजीटीएमएसई) योजना के अंतर्गत इस वित्तपोषण सुविधा के माध्यम से पात्र उधारकर्ताओं के लिए क्रेडिट गारंटी कवरेज भी उपलब्ध होगा। इस कवरेज के लिए सरकार द्वारा शुल्क का भुगतान किया जाएगा। एफपीओ के मामले में, कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग (डीएसीएफडब्ल्यू) के एफपीओ संवर्धन योजना के अंतर्गत बनाई गई इस सुविधा से क्रेडिट गारंटी का लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

बजटीय सहायता: भारत सरकार की ओर से बजटीय सहायता के रूप में कुल बहिर्गमन 10,736 करोड़ रुपये का होगा।

ऋण स्थगन: इस वित्तपोषण सुविधा के अंतर्गत पुनर्भुगतान के लिए ऋण स्थगन कम से कम 6 महीने और अधिकतम 2 वर्ष के लिए हो सकता है। कृषि और कृषि प्रसंस्करण आधारित गतिविधियों के लिए औपचारिक ऋण सुविधा के माध्यम से, इस परियोजना के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के कई अवसर उत्पन्न होने की संभावना है।

प्रबन्धन सूचना प्रणाली (एमआईएस): कृषि अवसंरचना कोष का प्रबंधन और निगरानी ऑनलाइन प्रबन्धन सूचना प्रणाली (एमआईएस) प्लेटफॉर्म के माध्यम से की जाएगी। यह सभी योग्य संस्थाओं को फंड के अंतर्गत ऋण लेने के लिए आवेदन करने का पात्र बनाएगा।

यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कई बैंकों द्वारा दी जाने वाली ब्याज दरों में पारदर्शिता, ब्याज अनुदान और क्रेडिट गारंटी सहित योजना विवरण, न्यूनतम दस्तावेज, अनुमोदन की तीव्र प्रक्रिया के साथ-साथ अन्य योजना लाभों के साथ एकीकरण जैसे लाभ भी प्रदान करेगा।

मॉनिटरिंग कमेटियाँ: सही समय पर मॉनिटरिंग और प्रभावी फीडबैक की प्राप्ति को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर मॉनिटरिंग कमिटियों का गठन किया जाएगा।

इस योजना की समय-सीमा वित्तीय वर्ष 2020 से लेकर वित्तीय वर्ष 2029 (10 वर्ष) के लिए होगी।

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