पूर्वोत्तर के किसानों की स्थानीय समस्याओं को समझने और वैज्ञानिक समाधान उपलब्ध कराने के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने बायोटेक कृषि नवाचार विज्ञान अनुप्रयोग नेटवर्क (Biotech-Krishi Innovation Science Application Network: Biotech-KISAN) योजना के जरिये विशेष जोर दिया है, जो विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र पर केंद्रित है और जो खेती में लगे अपने 70 प्रतिशत लोगों के साथ कृषि और संबंद्ध क्षेत्र की आजिविका से जुड़ा हुआ है।
- इसके अलावा यह भी कहा गया है कि यह क्षेत्र देश के खाद्यान का सिर्फ एक दशमलव पांच प्रतिशत हिस्से का उत्पादन करता है और यहां तक कि घरेलू खपत के लिए खाद्यानों का लगातार आयात कर रहा है।
बायोटेक-किसान
- बायोटेक-किसान कृषि नवाचार के लिए 2017 में शुरू की गई एक वैज्ञानिक-किसान साझेदारी योजना है, जिसका उद्देश्य खेतों के स्तर पर लागू किए जाने वाले नवीन समाधानों और प्रौद्योगिकियों का पता लगाने के लिए विज्ञान प्रयोगशालाओं को किसानों से जोड़ना है।
- इस योजना के तहत, अब तक देश के सभी 15 कृषि जलवायु क्षेत्रों और 110 आकांक्षी जिलों को कवर करते हुए 146 बायोटेक-किसान हब स्थापित किए जा चुके हैं।
- इस योजना से अब तक दो लाख से अधिक किसानों को उनके कृषि उत्पादन बढ़ने के साथ ही आय में वृद्धि होने का लाभ मिला है। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में 200 से अधिक उद्यमिताएं भी विकसित की गई हैं।