- भारतीय रिजर्व बैंक के केन्द्रीय बोर्ड ने केन्द्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर विमल जालान की अध्यक्षता वाली इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क समिति की सभी सिफारिशें मंजूर कर ली हैं। इससे पहले, रिजर्व बैंक के केन्द्रीय बोर्ड ने एक लाख 76 हजार करोड़ का लाभांश और अधिशेष रिजर्व सरकार को सौंपने की मंजूरी दी थी।
- समिति ने सिफारिश की है कि संशोधित आर्थिक पूंजी ढ़ांचे की हर पांच साल बाद समीक्षा होनी चाहिए।
- रिज़र्व बैंक ने संशोधित ढ़ांचे के अनुसार हाल में ही 52 हजार 637 करोड़ रूपए की अतिरिक्त राशि सरकार को सौंपने का फैसला किया है।
- रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया कि अगले वित्तीय वर्ष से रिज़र्व बैंक का लेखा वर्ष जुलाई से जून के स्थान पर अप्रैल से मार्च के वित्तीय वर्ष के अनुरूप कर दिया जाना चाहिए। इससे रिज़र्व बैंक द्वारा भुगतान किए जाने वाले अंतरिम लाभांश की आवश्यकता कम होगी।
- कमेटी ने आधिक्य वितरण के लिए कुल आर्थिक पूंजी के अलावा रिएलाइज्ड इक्विटी का न्यूनतम स्तर को भी आधार बनाने की सिफारिश की है।