दो भारतीयों सहित छह लोगों एशिया का नोबेल पुरस्कार के रूप में लोकप्रिय वर्ष 2018 के रैमन मैग्सेसे पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। जिन दो भारतीयों को इस वर्ष का रैमन मैग्सेसे पुरस्कार देने की घोषणा की गई है, वे हैं; सोनम वांगचुक व भारत वाटवानी। इस वर्ष के पुरस्कार विजेता निम्नलिखित हैंः
- सोनम वांगचुकः उन्हें लद्दाख में सामुदायिक विशिष्ट शिक्षण प्रक्रिया के लिए पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है। थ्री इडियट फिल्म इन्हीं के जीवन पर आधारित है। उन्होंने 1988 में ‘स्टूडेंट्स एजुकेशन एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख’ (Students’ Education and Cultural Movement of Ladakh: SECMOL) की स्थापना की और ऐसे लड़कों को प्रशिक्षण देना आरंभ किया जिनमें से 95 प्रतिशत लड़के सरकारी स्कूलों की परीक्षाओं में फेल कर गए थे। 1994 में उन्होंने ‘ऑपरेशन न्यू होप’ (Operation New Hope) की स्थापना की।
- भारत वाटवानीः उन्होंने सड़कों पर पड़े मानसिक रूप से विक्षिप्त लोगों का इलाज कराकर उनके परिवार के साथ मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके लिए उन्होंने 1988 में श्रद्धा रिहैबिलिटेशश्न फाउंडेशन की स्थापना की।
- योक छांगः कंबोडिया
- हॉवार्ड डीः फिलीपींस
- मारिया डी लॉर्डेस मार्टिन्सः इस्ट तिमोर
- वो थी होंआंग येनः वियतनाम
रैमन मैग्सेसे पुरस्कार के बारे में
- रैमन मैग्सेसे पुरस्कार की स्थापना फिलीपींस के राष्ट्रपति रैमन डेल फिएरो मैग्सेसे के सम्मान में की गई है जिनकी 1957 में विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी।
- यह पुरस्कार रैमन मैग्सेसे अवार्ड फाउंडेशन द्वारा प्रदान किया जाता है। पहला पुरस्कार 31 अगस्त, 1958 को दिया गया था। तब से प्रतिवर्ष यह पुरस्कार दिया जाता है।