तीन वैज्ञानिकों को लिथियम आयन बैटरी की खोज के लिए वर्ष 2019 का रसायन का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई। ये तीन वैज्ञानिक हैंः अमेरिका के जॉन गुडएनफ तथा एम. स्टैनले व्हीटिंघम और जापान के अकिरा योशिनो। इनमें 97 वर्षीय जॉन गुडएनफ नोबेल पुरस्कार जीतने वाले अब तक के सबसे उम्रदराज व्यक्ति हैं।
उपर्युक्त तीनों वैज्ञानिकों के बीच 9 मिलियन स्वीडिश क्रोनर वितरित किया जाएगा।
रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के मुताबिक उपर्युक्त तीनों वैज्ञानिकों को लिथियम आयन बैटरी के विकास के लिए रसायन का नोबेल पुरस्कार दिया जा रहा है। हल्की, रिचार्जयोग्य तथा शक्तिशाली बैटरी आज सभी चीजों में मोबाइल फोन से लेकर इलेक्ट्रिक वाहन तक में उपयोग किया जाता है। यह सौर एवं पवन ऊर्जा से भी ऊर्जा संग्रहित कर सकती है।
1970 के दशक में तेल संकट के दौरान लिथियम आयन बैटरी की नींव डाली गई। स्टैनले व्हीटिंघम ने जीवाष्म ईंधन मुक्त ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के विकास हेतु सिद्धांतों पर काम किया।
जॉन गुडएनफ ने पूर्वानुमान किया कि कैथोड को यदि मेटल सल्फाइड की जगह मेटल ऑक्साइड का उपयोग करते हुए निर्मित किया जाए। 1980 में दर्शाया कि कोबाल्ट ऑक्साइड, लिथियम आयन के साथ चार वोल्ट सृजित कर सकता है।
अकिरा योशिनो ने वर्ष 1985 में पहला वाणिज्यिक उपयोगी लिथियम आयन बैटरी विकसित किया। उन्होंने एनोड पेट्रोलियम कोक का इस्तेमाल किया।
रसायन नोबेल पर तथ्य
- वर्ष 1901 से 2019 के बीच 111 बार रसायन का नोबेल पुरस्कार दिया जा चुका है।
- अब तक पांच महिलाओं को रसायन का नोबेल पुरस्कार दिया जा चुका है।
- फ्रेडरिक सेंगर को वर्ष 1958 तथा 1980 में दो बार रसायन का नोबेल पुरस्कार दिया गया है।