बच्चों के लिए फिरोदिया पुरस्कार विजेताओंसे मिलने का अवसर

उमाशंकर मिश्र (Twitter: @usm_1984)

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)के महानिदेशकडॉ शेखर सी. मांडे और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन जैसे नामचीन वैज्ञानिकों से मिलने का अवसर किसी भी बच्चेके लिए एक यादगार अनुभव हो सकता है। आगामी 07 फरवरी को बच्चों को इन दोनों वैज्ञानिकों से सीधे रूबरू होने का मौका मिल सकता है, जब उन्हें पुणे में एच.के. फिरोदिया पुरस्कार से नवाजा जाएगा।

एच.के. फिरोदिया पुरस्कार के 24वें संस्करण में के. सिवन और डॉ शेखर सी. मांडे को को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। के. सिवन को एच.के. फिरोदिया विज्ञान रत्न पुरस्कार और डॉ शेखर सी. मांडे को विज्ञान भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कार कार्यक्रम के दौरान बच्चों को देश के इन नामचीन वैज्ञानिकों से सीधे संवाद करने का मौका भी मिल सकता है।

वैज्ञानिकों से मिलने के लिए बच्चों का चयन एक प्रतियोगिता के जरिये किया जा रहा है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में रुचि रखने वाले जो बच्चे इन वैज्ञानिकों से मिलना चाहते हैं और अपनी जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए उनसे सीधे सवाल पूछना चाहते हैं, वे http://hkfirodiaawards.org/.  लिंक पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।

एच.के. फिरोदिया पुरस्कार विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व स्तरीय योगदान देने वाले वैज्ञानिकों को दिया जाता है। विज्ञान के जिन प्रमुख विषयों में यह पुरस्कार दिए जाते हैं, उनमें खगोल विज्ञान एवं खगोल भौतिकी, गणित, कंप्यूटर साइंस, परमाणु ऊर्जा, रसायन विज्ञान, लाइफ साइंस, मेडिसिन एवं जीनोमिक्स, पारिस्थितिकी, इंजीनियरिंग एवं अंतरिक्ष विज्ञान, कृषि विज्ञान, नैनो तकनीक और भौतिक विज्ञान शामिल हैं।

इस साल के पुरस्कार विजेताओं का चयन करने वाली समिति में मशहूर वैज्ञानिक डॉ आर.ए. माशेलकर और काइनेटिक समूह के चेयरमैन अरुण फिरोदिया शामिल थे।

के. सिवन एक प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक के रूप में जाने जाते हैं। उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्रों में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, अंतरिक्ष परिवहन प्रणाली इंजीनियरिंग, लॉन्च वाहन व मिशन डिजाइन, नियंत्रण व मार्गदर्शन डिजाइन, मिशन सिमुलेशन सॉफ्टवेयर डिजाइन, मिशन संश्लेषण, सिमुलेशन, विश्लेषण और उड़ान प्रणालियों का सत्यापन शामिल हैं।

डॉ. मांडे प्रोटीन संरचना व उसके कार्य, टीबी बैक्टीरिया माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरोक्यूलॉसिस अनुसंधान में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं। उनकी शोध रुचियों में प्रोटीन इंटरैक्शन नेटवर्क के लिए ग्राफ थ्योरी के अनुप्रयोग और बड़े पैमाने पर जैविक डेटा का विश्लेषण करने के लिए कम्प्यूटेशनल तरीके शामिल हैं।

इससे पहले यह पुरस्कार डॉ. सीएनआर राव,डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, डॉ. रघुनाथ अनंत माशेलकर, डॉ. जयंत नार्लीकर, डॉ. अनिल काकोदकर, डॉ. एम.के. भान और प्रोफेसर के. विजय राघवन जैसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों को दिया जा चुका है। (इंडिया साइंस वायर)

Written by 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *