कनाडियन-अमेरिकी ब्रह्मांड वैज्ञानिक जेम्स पीबल्स एवं स्विटजरलैंड के दो वैज्ञानिकों माइकल मेयर एवं डिडियर क्वेलोज को वर्ष 2019 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।
रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस, जिसने 8 अक्टूबर, 2019 को पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा की, के अनुसार उन्हें ब्रह्मांड के विकास पर प्रकाश डालने तथा सुदूर सूर्यों की परिक्रमा करते ग्रहों की खोज के लिए भौतिकी का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।
पुररस्कार की 9 मिलियन स्वीडिश क्रॉना राशि में से आधी राशि जेम्स पीबल्स को जबकि शेष आधी राशि माइकल मेयर एवं डिडियर क्वेलोज के बीच वितरित की जाएगी।
जेम्स पीबल्स की खोज
जेम्स पीबल्स ने ब्रह्मांड को अरबों आकाशगंगाओं एवं आकाशगंगा क्लस्टर के रूप में लिया। दो दशकों में उन्होंने जो सैद्धांतिक फ्रेमवर्क विकसित किया, वह ब्रह्मांड के इतिहास की आधुनिक समझ का आधार है। इनमें बिग बैंग से लेकर आज तक की समझ शामिल है। उनका मॉडल यह दर्शाता है कि हम ब्रह्मांड का केवल 5प्रतिशत जानते है जबकि शेष 95 प्रतिशत अज्ञात डार्क मैटर है।
माइकल मेयर एवं डिडियर क्वेलोज की खोज
माइकल मेयर एवं डिडियर क्वेलोज ने अक्टूबर 1995 में हमारी सौर प्रणाली के बाहर पहला ग्रह की खोज की थी जिसे ‘एक्सोप्लैनेट’ कहा गया। यह हमारी मिल्कीवे आकाशगंगा में एक अन्य सूर्य का चक्कर लगा रहा है। इस एक्सोप्लैनेट का नाम है 51 पेगासी बी।
भौतिकी नोबेल पुरस्कार के बारे में तथ्य
- 1901 से 2019 के बीच भौतिकी के 113 नोबेल पुरस्कार दिए जा चुके हैं।
- अब तक तीन महिलाओं को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार प्राप्त हो चुका है। ये हैंः मैरी क्युरी (1903), मारिया गोएपर्ट मेयर (1963) तथा डोन्ना स्ट्राइकलैंड (2018)।
- जॉन बार्डीन को अब तक दो बार भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया जा चुका है।