मानवाधिकार कार्यकर्त्ता नादिया मुराद एवं चिकित्सक डेनिस मुकवेगे को वर्ष 2018 का नोबेल शांति पुरस्कार देने की घोषणा 5 अक्टूबर, 2018 को की गई। नोबेल शांति पुररस्कार कमेटी की अध्यक्ष बेरिट रिस एंडर्सन ने उपर्युक्त विजेताओं की घोषणा की। उनके मुताबिक दोनों विजेताओं को यौन हिंसा के खिलाफ लड़ने के प्रयासों के लिए शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
नादिया मुराद
- 22 वर्षीया नादिया मुराद यजिदी-कुर्दिस महिला हैं जिन्हें अन्य अल्पसंख्यक कुर्दिस महिलाओं के साथ वर्ष 2014 में इराक में आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट) द्वारा अपहृत कर लिया गया था। उनके साथ बलात्कार किया गया। बाद में सबके सामने आईं और पूरे विश्व को सत्य उद्घाटित करने का साहस दिखाया। नवंबर 2017 में उन्होंने ‘द लास्ट गर्लः माई स्टोरी ऑफ कैप्टिविटी एंड माई फाइट एगेंस्ट द इस्लामिक स्टेट’ नाम से अपनी कहानी को सामने लाईं।
डेनिस मुकवेगे
- लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो के 63 वर्षीय चिकित्सक डेनिस मुकवेगे ने आतंकवादियों, डकैतों, सरकारी सेनाओं से यौन हिंसा की शिकार महिलाओं का बिना सुविधाओं का इलाज करते रहे। बुकावु नामक जगह पर, जहां बिजली तक नहीं है, अपने अस्पताल से वे सेवा देते रहे हैं।
नोबेल शांति पुरस्कार
- अब तक 99 बार नोबेल शांति पुरस्कार दिया जा चुका है।
- अब तक 24 संगठनाें को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
- अब तक 17 महिलाओं को नोबेल शांति पुरस्कार दिया जा चुका है।
- ले डुक थो एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने नोबेल शांति पुरस्कार लेने से इंकार कर दिया था।