चार युवा वैज्ञानिकों को मिलेगा विज्ञान लेखन पुरस्कार

  • उमाशंकर मिश्र (Twitter handle : @usm_1984)

नई दिल्ली, 25 फरवरी (इंडिया साइंस वायर): शोध की अभिव्यक्ति के लिए लेखन कौशल को प्रोत्साहन (अवसर) नामक राष्ट्रीय प्रतियोगिता के तहत चुने गए चारयुवा वैज्ञानिकों को 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौके पर पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

प्रतियोगिता के पीएचडी वर्ग के अंतर्गत एक लाख रुपये का प्रथम पुरस्कार आशीष श्रीवास्तव (स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग ऐंड टेक्नोलॉजी, यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई), 50 हजार रुपये का द्वितीय पुरस्कार अजय कुमार (आईआईटी-मद्रास) और 25 हजार रुपये का तृतीय पुरस्कार नबनीता चक्रबर्ती (केंद्रीय अंतर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, कोलकाता) को दिया जाएगा।

पोस्ट डॉक्टोरल वर्ग में सर्वश्रेष्ठ लेखन के एक लाख रुपये के पुरस्कार के लिए डॉ पॉलोमी सांघवी (टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई) को चुना गया है।पीएचडी वर्ग के 100 युवा विज्ञान संचारकों और 20 अन्य पोस्ट डॉक्टोरल शोधार्थियों में प्रत्येक को 10 हजार रुपये का पुरस्कार भी दिया जाएगा। इन दोनों वर्गों के अंतर्गत चुने गए सर्वश्रेष्ठ चारप्रतिभागियों को नई दिल्ली में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीयविज्ञानदिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में पुरस्कृत किया जाएगा।

इस प्रतियोगिता में पीएचडी एवं पोस्ट डॉक्टोरल शोधार्थियों समेत दो वर्गों में पुरस्कार दिए जाते हैं। विज्ञान के विभिन्न विषयों में पीएचडी या फिर उसके बाद शोध कर रहे शोधार्थियों से उनके अध्ययन से संबंधित विषय पर आलेख इस प्रतियोगिता में आमंत्रित किए गए थे।वैज्ञानिक तथ्यों की सरल, सहज एवं बोधगम्य अभिव्यक्ति के मापदंडों पर प्रभावी पाए जाने वाले सर्वश्रेष्ठ आलेखों को इस प्रतियोगिता में पुरस्कृत किया जाता है।

इस बार मिली प्रविष्टियों में से सर्वश्रेष्ठ आलेखों को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा गठित प्रसिद्ध वैज्ञानिकों और विज्ञान संचारकों के निर्णायक मंडल द्वारा चुना गया है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव, प्रोफेसर आशुतोष शर्मा के अनुसार, “तीन हजार से अधिक पीएचडी छात्रों और पोस्ट-डॉक्टरलशोधकर्ताओं ने इस कार्यक्रम के तहत अपने शोध पर आधारित आलेखों को कलमबद्ध किया है, जो न केवल लोकप्रिय वैज्ञानिक लेखन के उद्देश्य के विस्तार में मदद करेगा, बल्कि इस पहल से वैज्ञानिक भी विज्ञान एवं समाज के विस्तृत फलक से जुड़ सकेंगे।”

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से जुड़ी वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ रश्मि शर्मा के अनुसार, “राष्ट्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी संचार परिषद के अंतर्गत शुरू किए गए‘अवसर’ कार्यक्रम का उद्देश्य अखबारों, पत्रिकाओं, ब्लॉग्स औरसोशल मीडिया के जरिये युवा वैज्ञानिकों की लेखन क्षमता का उपयोग विज्ञान को लोकप्रिय बनाने तथा समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए करना है।”

इस परियोजना का उद्देश्य विज्ञान को सरल भाषा में लोगों तक पहुंचाने के लिए युवा वैज्ञानिकों के लेखन कौशल को प्रोत्साहित करना है।इससे वैज्ञानिक शोधों की जानकारी का प्रसार रोचक ढंग से ऐसी सरल भाषा में किया जा सकेगा, जिसे लोग आसानी से समझ सकें।

उम्मीद की जा रही है कि इसपहल से भारत में हो रहे वैज्ञानिक शोधों और उनके महत्व के बारे में जागरूकता के प्रसार के साथ-साथ नए विज्ञान संचारक तैयार करने में भी मदद मिल सकेगी।

Written by 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *