मलयालम के प्रसिद्ध कवि अक्कितम अच्युतन नंबूदरी को 55वें ज्ञानपीठ पुरस्कार 2019 देने की घोषणा की गयी.
मशहूर उड़िया लेखिका प्रतिभा राय की अध्यक्षता में निर्णायक मंडल की बैठक हुई, जिसमें शमीम हनफी, सुरंजन दास, माधव कौशिक और डॉ. पुरुषोत्तम बिलिमाले समेत अन्य सदस्य मौजूद थे.
अक्कितम का जन्म 8 मार्च 1926 को केरल के पलक्कड़ जिले में हुआ था और बचपन से ही उनकी रुचि साहित्य और कला की ओर थी. कविता के अलावा अक्कितम ने नाटक और उपन्यास भी लिखे हैं.
उन्होंने 55 किताबें लिखी हैं, जिनमें से 45 कविता संग्रह है. उनकी प्रमुख पुस्तकों में शामिल हैंः खांदा काव्यास, कथा काव्यास, चरिथ काव्यास। उनकी अन्य प्रमुख रचनाएं हैंः वीरावद्म, निमिषा क्षेत्रम अमृता खटिका इत्यादि।
पद्म श्री से सम्मानित अक्किथम साहित्य अकादमी पुरस्कार (1973), केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार (1972 व 1988), मातृभूमि पुरस्कार, वायलर पुरस्कार, कबीर सम्मान से भी सम्मानित हो चुके हैं।
ज्ञानपीठ पुरस्कार
- ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रदान किया जाता है जिसकी स्थापना साहू शांति प्रसाद जैन द्वारा की गई थी।
- पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार 1965 में मलयाली भाषा के जी.एस. कुरूप को प्रदान किया गया था।
- ज्ञानपीठ पुरस्कार के तहत 11 लाख रुपए की राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की जाती है।