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केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भागीरथी पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र (Bhagirathi Eco-Sensitive Zone) जोनल मास्टर प्लान (ZMP) को 16 जुलाई, 2020 को मंजूरी प्रदान कर दी ।
भागीरथी इको सेंसिटिव जोन
18 दिसंबर, 2012 को, स्थानीय लोगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, 4179.59 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करने वाले, गौमुख से उत्तराकाशी तक भागीरथी इको सेंसिटिव जोन की अधिसूचना को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी किया गया था।
बाद में 16 अप्रैल, 2018 को, सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार, उत्तराखंड सरकार और इंडियन रोड कांग्रेस के साथ परामर्श करने के बाद अधिसूचना में संशोधन किया गया।
भागीरथी पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र की अधिसूचना में उत्तराखंड सरकार को जोनल मास्टर प्लान (ZMP) तैयार करने का अधिकार प्रदान किया गया, जिसे निगरानी समिति की देखरेख में लागू किया जाना था।
जोनल मास्टर प्लान (ZMP)
जेडएमपी वाटरशेड दृष्टिकोण पर आधारित है और इसमें वन एवं वन्यजीव, जल प्रबंधन, सिंचाई, ऊर्जा, पर्यटन, सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, सड़क अवसंरचना आदि के क्षेत्र में गवर्नेंस भी शामिल हैं।
जेडएमपी के अनुमोदन से, इस क्षेत्र में संरक्षण और पारिस्थितिकी को बढ़ावा मिलेगा और जेडएमपी के अंतर्गत प्रदान किए गए अनुमति के अनुसार विकासात्मक गतिविधियां भी शुरू की जाएंगी।
जेडएमपी के अनुमोदन से क्षेत्र के संरक्षण और पारिस्थितिकी को बढ़ावा मिलेगा और जेडएमपी के अंतर्गत दी गई अनुमति के अनुसार विकासात्मक गतिविधियों की भी शुरूआत की जाएंगी। इस मंजूरी से चारधाम परियोजना को तीव्र गति से निष्पादित करने का रास्ता भी खुलेगा।
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