- कुझालमन्नम रामकृष्णन द्वारा निर्मित मृदंगम, जिसे उन्होंने ‘सदमृदंगम’ (Sadmridangam) नाम दिया, को केंद्र सरकार के पेटेंट कार्यालय ने पेटेंट का दर्जा दिया है। इसे ‘ड्रम’ श्रेणी में नवाचार उत्पाद के रूप में पेटेंट का दर्जा दिया है।
- सदमृदंगम का निर्माण इस्पात एवं फाइबर से हुआ है।
- श्री रामकृष्णन के अनुसार लकड़ी के बने पारंपरिक मृंदगम की तुलना में उनके द्वारा बनाया गया सदमृंदगम हल्का है और महज 5 किलोग्राम का है परंतु इसकी गुणवत्ता के साथ समझौता नहीं किया गया है।
- पारंपरिक मृदंगम का निर्माण कटहल के पेड़ की लकड़ी से होता है और आमतौर पर इसका वजन 15 किलोग्राम से 30 किलोग्राम के बीच होता है।