केंद्र सरकार भारत में नदियों के इंटर-लिंकिंग परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए एक विशिष्ट निकाय ‘राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना प्राधिकरण’ (National Interlinking of Rivers Authority: NIRA) ) के गठन की योजना बना रही है।
यह राज्य के अधीन के साथ-साथ अंतर-राज्यीय नदी जोड़ो परियोजनाओं का क्रियान्वयन में भूमिका निभाएगी।
नदी जोड़ो परियोजना
भारत में एक नदी बेसिन से दूसरी नदी बेसिन में जल के अंतःप्रवाह हेतु अगस्त 1980 में नेशनल पर्सपेक्टिव प्लान ( National Perspective Plan: NPP) ) बनायी गई थी। इस योजना के तहत राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी को 9 राज्यों से 47 अंतर-राज्यीय नदी जोड़ो परियोजना का प्रस्ताव प्राप्त हुआ।
नदियों को आपस में जोड़ने की पांच परियोजना को शीघ्र लागू करने के लिए कदम उठाए गए हैं और इन परियोजनाओं को लागू करने के लिए सहमति ज्ञापन को संबंधित राज्य सरकारों से विचार विमर्श करके अंतिम रूप दिया जा रहा है।
पांच परियोजनाओं में – केन-बेतवा संपर्क परियोजना, दमन-गंगा-पिंजाल संपर्क परियोजना, पार-तापी-नर्मदा संपर्क परियोजना, गोदावरी-कावेरी (ग्रैंड एनिकट) परियोजना तथा पार्वती-काली-सिंधु-चंबल परियोजना शामिल हैं।
केन-बेतवा परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया गया है।
राज्य के बाहर से नदियों को जोड़ने के लिए राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी ने नौ राज्यों – महाराष्ट्र, गुजरात, झारखंड, ओडिशा, बिहार, राजस्थान, तमिलनाडु, कर्नाटक तथा छत्तीसगढ़ – से 47 प्रस्ताव प्राप्त किए हैं।
इन परियोजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करने से बाढ़ के समय आपदा में कमी आएगी, सिंचाई सुविधाओं में सुधार होगा, ग्रामीण कृषि में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे तथा निर्यात बढ़ेगा और गांव से बाहर जाने वाले लोगों की संख्या में कमी आएगी।