- केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने अपनी श्रीलंका यात्र के दौरान 15 जनवरी, 2018 को भारत एवं श्रीलंका के बीच ‘गिगाबिट कनेक्टिविटी’ (Gigabit Connectivity) का उद्घाटन किया।
- यह कनेक्टिीविटी भारत के नेशनल नॉलेज नेटवर्क एवं श्रीलंका के भारत एवं श्रीलंका के ‘लंका एजुकेशन एंड रिसर्च नेटवर्क’ (LEARN: Lanka Education And Research Network: LEARN) ) स्थापित की गई है।
- उच्च गति की यह इंटरनेट कनेक्टिविटी दोनों देशों के शैक्षिक या अकादमिक संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देगा।
- गिगाबिट के तहत एक सेकेंड में एक अरब बिट की दर से डाटा उपलब्ध कराया जाता है।
क्या है नेशनल नॉलेज नेटवर्कः वर्ष 2010 में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर कैबिनेट कमेटी ने 5990 करोड़ रुपये के परिव्यय से राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क यानी एनकेएन (National Knowledge Network) की स्थापना को मंजूरी दी थी। इसे अगले 10 वर्षों में नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) द्वारा क्रियान्वित किया जाना है। इसका लक्ष्य भारत के सभी विश्वविद्यालयों, शोध संस्थाओं, पुस्तकालयों, प्रयोगशालाओं, स्वास्थ्य केंद्रों एवं कृषि संस्थानों को जोड़ना है ताकि ज्ञान तक पहुंच में सुधार हो सके तथा संस्थानों की संचार व संगणक आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके। अब तक देश के 1648 संस्थानों को इस नेटवर्क से जोड़ा जा सका है।
– भारत के नेशनल नॉलेज नेटवर्क की तरह ही श्रीलंका के ‘लंका एजुकेशन एंड रिसर्च नेटवर्क’ का उद्देश्य श्रीलंका के सभी शैक्षणिक संस्थानों को इंटरनेट से जोड़ना है।