कालिकट विश्वविद्यालय, केरल के शोधकर्त्ताओं ने अरुणाचल प्रदेश में बालसम फूल की चार नई प्रजातियां खोजी है।
-बालसम की खोजी गईं चार नई प्रजातियां इस प्रकार हैं:
1. इंपेशेंस हरिदसानी (Impatiens Haridasanii ): हरे रंग का फूल व बालों वाले पत्ते वाली यह प्रजाति अरुणाचल प्रदेश के पोंगचान में खोजी गई है।
2. इंपेशेंस स्युडोसाइट्रिना (Impatiens pseudocitrina ): चमकदार पीले रंग के फूलों वाली इस प्रजाति की खोज अजाव जिला में की गई है।
3. इंपेंशेस नीलालोहिताई (Impatiens nilalohitae ): यह प्रजाति एक मीटर की लंबाई वाली है और इसका फूल गहरे बैंगनी रंग का होता है। इसे लोअर दिबांग घाटी में खोज गया है।
4. आई. रॉयजेंसिस (I.roingensis): इसे अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग में खोजा गया है।
क्या है बालसम फूल ?
-बालसम फूल को उसके विभिन्न रंगों के कारण जंगली घास का आभूषण माना जाता है।
-स्लोवाकिया के प्लांट टैक्सोनोमी संस्थान के सहयोग से पूर्वी हिमालय में चलाये जा रहे एक अभियान के दौरान इन प्रजातियों की खोज की गई।
-यह फूल संपूर्ण पूर्वी हिमालय, पश्चिमी घाट के अलावा श्रीलंका, दक्षिण-पूर्व एशिया, अफ्रीका, मेडागास्कर में पाया जाता है।
-इस फूल प्रजाति को इसके फलों की अधीर प्रकृति के काण ‘इंपेेंशेस’ (Impatiens) का आनुवंशिक नाम दिया गया है क्योंकि इन्हें स्पर्श किये जाने पर अचानक ये फट जाते हैं।
-पूरे विश्व में बालसम की 1000 से अधिक प्रजातियां पायी जाती हैं जबकि भारत में 230 से अधिक प्रजातियां पायी जाती हैं।
अभ्यास प्रश्न
प्रश्नः हाल में बालसम फूल की चार नई प्रजातियों की खोज कहां की गई है?
(a) केरल
(b) अरुणाचल प्रदेश
(c) उत्तराखंड
(d) हिमाचल प्रदेश
उत्तरः b
(a) केरल
(b) अरुणाचल प्रदेश
(c) उत्तराखंड
(d) हिमाचल प्रदेश
उत्तरः b