- यूनिवर्सिटी ऑफ कांसास के एक हाल के अध्ययन के मुताबिक नये डीएनए विश्लेषण के आधार पर स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि विश्व के सभी जंगली घोड़े विलुप्त हो गये हैं।
- प्रजेवालस्की घोड़े, जिसे पृथ्वी पर जीवित बची घोड़े की अंतिम प्रजाति मानी जा रही थी, वे वास्तव में पालतू बनाये गये घोड़े थे जो बचकर निकल गये थे और इन्हें जंगली घोड़ा समझा जाने लगा था।
- जर्नल साइंस में प्रकाशित आलेख का आधार उत्तरी कजाखस्तान में बोताई व क्रास्नयी क्षेत्र में किये गये शोध है। ये वही क्षेत्र हैं जहां आज से 5000 वर्ष पहले घोड़ों को पहली बार पालतू बनाया गया था।
- प्रजेवालस्की घोड़ों की दांतों व हड्डियों की जिनोम सिक्वेंसिंग के आधार पर शोधकत्ता इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि प्रजेवालस्की घोड़ा, वाइल्ड हॉर्स न होकर ‘फेरल’ हॉर्स था। फेरल घोड़ा से तात्पर्य यह है कि यह पालतू घोड़ा था जो जंगलों में भाग गया और पर मूल रूप में जंगली नहीं है।
- आईयूसीएन अभी प्रजेवाल्स्की को विलुप्त इक्कुस फेरस की उप-प्रजाति मानता है और इसे संकटापन्न श्रेणी में रखा है।
- परंतु नया शोध स्थिति को बदल सकता है।