- साइलेंट वैली नेशनल पार्क में कराए गए सर्वेक्षण के मुताबिक इसका बफर जोन ड्रैगनफ्लाई (dragonflies) व डैमसेलफ्लाई (damselflies) प्रजातियों के लिए आदर्श जगह सिद्ध हो रही है। सर्वेक्षण के मुताबिक इनकी 82 प्रजातियां यहां हैं जिनमें 14 बेहद दुर्लभ हैं।
- भारतीय ड्रैगनफ्लाई सोसाइटी के तहत वन विभाग द्वारा 28-30 सितंबर के बीच किए गए सर्वेक्षण में पाया गया कि बफर जोन कें थुडुक्की, पाथनथोड, थाथेंगलम और टीके कॉलोनी इन प्रजातियों के लिए आहार, विचरण व प्रजनन के लिए बेहतर माहौल उपलब्ध कराता है। साइलेंट वैली नेशनल पार्क के मुख्य क्षेत्रों के निकट उच्च ऊंचाई वाले शोला घास के मैदान और विभिन्न प्रकार के वनों की उपस्थिति, पानी की उपलब्धता और अच्छी पर्यावास विविधता के साथ, योगदान कारक भी हैं।
- यहां के बफर जोन में पहली बार विशेष सर्वेक्षण आयोजित किया गया था। चूंकि बफर जोन मानव बस्ती के साथ सीमा साझा करता है, इसलिए सर्वेक्षण में पर्यावास विविधता सुनिश्चित की गई थी। कुछ ऐसी ही विविधता ओडोनेट्स (odonates) में भी देखी गई। भारत में पाई जाने वाली ओडोनेट्स की 488 प्रजातियों में से 193 का पर्यावास पश्चिमी घाट है।
यहां पाई जाने वाली दुर्लभ प्रजातियों में शामिल हैंः इंडोस्टिक्टा डेक्कानेन्सिस (सैफॉन रीडटेल), बर्मागोम्फस लेडलावी (प्लेन सिनुएट क्लबटेल), मैक्रोगोम्फस सोउटेरी (पिग्मी क्लबटेल), ओन्चोगोम्फस नीलगिरीरिसिस (नीलगिरी क्लॉटेल), यूफिया डिसपर (नीलगिरी टोरेंट डर्ट), इंडियनिक्स ट्रेवान्कोरेंसिस (त्रवणकोर डैगरहेड), मेगालोगोम्फस हैनंग्टोनी (विशालकाय क्लबटेल) और लेस्टेस डोरोथे (स्प्रेडविंग)। (News Source: The Hindu)
(Photo Credit: Wikimedia Commons)